scriptVIDEO : मैं रहूं या न रहूं , लेकिन पंडवानी कला हमेशा जिंदा रहेगी : तीजनबाई | Pandavani art will always be alive: Teejanbai | Patrika News
बिलासपुर

VIDEO : मैं रहूं या न रहूं , लेकिन पंडवानी कला हमेशा जिंदा रहेगी : तीजनबाई

बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक व शिक्षण संस्थाओं सदस्य उपस्थित थे।

बिलासपुरDec 18, 2018 / 07:04 pm

Amil Shrivas

teejanbai

VIDEO : मैं रहूं या न रहूं , लेकिन पंडवानी कला हमेशा जिंदा रहेगी : तीजनबाई

बिलासपुर. गुरुघासीदास विश्वविद्यालय में 18 दिसंबर को गुरु घासीदास जयंती एवं कुल उत्सव मनाया गया। इस अवसर विख्यात पंडवानी गायिका पद्यभूषण डॉ. तीजनबाई मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थी। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मैं अभी 217 छात्रों को पंडवानी की सीखा दे रही है। जिसे सभी विद्यार्थी बड़ी लगन और उत्साह से सीख रहे हैं। मैं अगर जीवित रहंू या न रहंू पंडवानी हमेशा जीवित रहेगी। मेरे बाद मेरी विरासत संभालने के लिए छात्रों को तैयार कर रही हंू। इस दौरान विवि परिसर में सुबह 9.30 बजे गुरुघासीदास जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पदयात्रा किया गया। जो रजत जयंती सभागार तक रही। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक व शिक्षण संस्थाओं सदस्य उपस्थित थे।

प्रतियोगिता का हुआ आयोजन : सीयू में गुरु घासीदास जयंती एवं कुल उत्सव की पूर्व संध्या पर सोमवार को छात्र-छात्राओं द्वारा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी, भाषण एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में सामाजिक समस्याओं के निवारण में गुरु घासीदास बाबा के उपदेशों का महत्व विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई। इस प्रतियोगिता में अध्ययनशाला स्तर पर विजेता 9 प्रतिभागी शामिल हुए। प्रतियोगिता के समन्वयक डॉ. बी..पी. सिंगरौल रहे। चित्रकला प्रतियोगिता के आयोजन में 21 प्रतिभागी शामिल हुए। समन्वयक डॉ. निशि यादव के निर्देशन में बाबा गुरु घासीदास जी के जीवन एवं संदेशों पर चित्रकला प्रतियोगिता की गई। वहीं डॉ. भास्कर चौरसिया के निर्देशन में बाबा गुरु घासीदास जी के जीवन से संबंधित विषय पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ, जिसमें 65 प्रतिभागी शामिल हुए। इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार के रूप में विभागीय चल-बैजन्ती, प्रमाण पत्र व नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
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