पेपर बैग से गरीबों को मिलता है रोजग़ार
प्लास्टिक बैग तो फैक्ट्री से बनकर आते हैं जिसका पैसा उनके मालिकों को मिलता है लेकिन पेपर बैग गरीब मजदूर अपने घर पर ही बनाते हैं और लोकल लेवल पर उसे बेचते हैं। इससे उन्हें रोजग़ार भी मिलता है। इसके इस्तमाल बढऩे से यह छोटे व्यापारी और इसे बनाने वाले लोगों की हालत में भी सुधार आएगा।
प्लास्टिक बैग के इस्तमाल से गन्दगी बढ़ती है। यह जल्दी नष्ट नहीं होता और लम्बे समय तक अपने प्लास्टिक फॉर्म में ही रहता है जिससे मिटटी भी प्रदूषित होती है। लोगों को इसे समझना होगा और पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक के बदले पेपर बैग का इस्तमाल करना चाहिए।
– संजय दुबे , चेयरमैन , सीएमडी कॉलेज बिलासपुर
प्लास्टिक बैग के इस्तमाल से उसमें रखे जाने वाले भोज्य पदार्थ दूषित होते हैं। प्लास्टिक के बोतल में पानी रखने से भी उस पानी की गुणवत्ता कम हो जाती है। इसकी जगह सभी जगह दुकानदारों को खाने-पीने के सामान और जो भी वह बेचते हैं उसे पेपर के बैग में ही दें ताकि प्लास्टिक का उपयोग रुक सके। पेपर प्राकृतिक तत्वों से बनता है आसानी से नष्ट भी हो जाता है।
– राजेश पांडेय , पूर्व महापौर
मैं युवाओं को ज्याद से ज्यादा प्रेरित करना चाहूंगा की वह भी प्लास्टिक के बदले पेपर बैग के इस्तमाल के फायदों को समझें। किसी भी दुकान में जाएं वहां पेपर बैग की मांग करें। खुद और अपने आस पास लोगों को इसके लिए जागरूक करें तभी बदलाव आएगा।
– उदयन शर्मा , पूर्व छात्रपरिषद अध्यक्ष , सीयू