इसके तहत हर सेक्टर के अधिकारी कर्मचारी बेटियों के साथ दफ्तर पहुंचे। पत्रिका कार्यालय में भी इसका आयोजन किया गया। बेटियों के लिए यह एक नया अनुभव था। चेहरों की चमक ने यह साफ कर दिया कि यह पल उनके लिए कितना खास था। जब वो जाने लगीं तो कहा कि अब अगली बार कब लाएंगे पापा।
लाडलियों ने पापा के ऑफिस पहुंचकर न केवल पापा के काम में संघर्ष की बारिकियों का समझा बल्कि अपने खुद के हुनर को भी दिखाया। ऑफिस में बेटियों ने पेंटिंग की, डांसिंग की और कविताएं भी पढ़ीं।