पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर धान खरीदी योजना के तहत 2018-19 से लेकर तीन साल में हुई गड़बड़ी को चुनौती दी है। मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद शासन को नोटिस जारी किया गया था। जनहित याचिका में चंद्राकर ने कहा है कि सरकार की उदासीनता और गलत कार्यप्रणाली के चलते पब्लिक मनी के 1198 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। याचिका में यह भी कहा गया कि शासन की धान खरीदी योजना में गलत नीतियों के कारण खरीदे गए धान के लिए नियम नहीं होने, समय पर उठाव नहीं होने के कारण धान में नमी की कमी हुई और धान को सूखा घोषित करना पड़ा। मिलिंग सही समय पर नहीं के कारण भी यह नुकसान हुआ है। जबकि नियम के तहत धान की खरीदी, रखरखाव और उठाव एक निर्धारित समय अवधि में होनी चाहिए यह नहीं हो रही है।
विधानसभा में भी उठ चुका प्रकरण इससे पहले याचिकाकर्ता ने विधानसभा में भी सवाल पूछा था। जिसका जवाब संबंधित विभाग के मंत्री ने दिया था। इस नुकसान की जानकारी होने के बाद उन्होंने क्षति की रकम जो लगातार बढ़ रही है को रोकने और उचित कदम उठाने के साथ ही जांच की मांग की है। इसमें याचिकाकर्ता पूर्व मंत्री ने किनके कारण यह नुकसान हुआ है उसकी जांच कराने की मांग की। आगे नुकसान न हो इसके लिए क्या कदम उठा रहे है, इसलिए निर्देश देने का भी निवेदन किया है।