शहर व जिले में बुधवार से शुरू हुई बारिश कभी धीमी तो कभी तेज होती रही। इस लगातार बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। शुक्रवार को शासकीय कार्यालयों व भवनों में लोगों की आमदरफ्त काफी कम रही। सड़कों पर लोग कम दिखे। बाजारों में लोगों की भीड़ कम नजर आई। कई इलाकों में लोगों के घरों से वर्षा का पानी नहीं निकल सकता है। सड़कें व गलियां लबालब हैं। लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
एक दिन में 597.5 मिमी. वर्षा
जिले के तहसीलों में एक ही दिन में 597.5 मिमी. वर्षा हो गई। इससे पिछले दस वर्षों का रिकार्ड टूट गया । सबसे अधिक बारिश मस्तूरी तहसील में 220.0 मिमी. हुई। बिल्हा तहसील में 163.3 मिमी., बिलासपुर तहसील में 92.4, तखतपुर में 92.4, कोटा में 29.4 मिमी. वर्षा हुई।
जितनी बारिश 15 अक्टूबर तक होती है उतनी अभी हो गई
जिले में पिछले एक दशक में जितनी बारिश 15 अक्टूबर तक होती रही। इस बार उतनी बारिश 28 अगस्त तक हो गई है। बिलासपुर तहसील में अब तक 993.2 मिमी., बिल्हा तहसील में 1045.8 मिमी., मस्तूरी तहसील में 1233.5 मिमी., तखतपुर में 1250.1 मिमी .एवं कोटा तहसील में 1018.2 मिमी. वर्षा हो चुकी है। जिले में एक जून से लेकर अब तक 5543.5 मिमी. वर्षा हो गई है।
इन गांवों में बाढ़
मस्तूरी विकासखंड में लीलागर, अरपा एवं शिवनाथ नदी के किनारे बसे गांव भरारी, बैटरी, अकोला, हिर्री, कठहा, केवटाडीह, विद्याडीह टांगर, बोहारडीह, सोन, सोनसरी,ओखर, मटिया, कुटेला, ठाकुरदेव, खपरी, गिदपुरी, मचहा, डोमगांव,आमगांव, आमाकोनी, सुनोली आदि प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में लगभग 70 से 80 घर बाढ़ से प्रभावित हुए । इन गांवों में राहत एवं बचाव दल ने प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया है।
उनी गांव को खाली कराया गया
मस्तूरी एसडीएम मोनिका वर्मा ने बताया गया कि लीलागर नदी के बाढ़ से प्रभावित उनी गांव को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया। नदी किनारे बसे गांव हिर्री के 60 घरों में पानी भर गया। इन घरों के रहवासियों को मंगल भवन में ठहराया गया है। ग्राम अकोला के बाढ़ प्रभावितों को ग्राम टिकारी, केवटाडीह एवं कटहा के प्रभावितों को ग्राम जुनवानी के स्कूल में ठहराया गया है।
25 टॉपू में फंसे
ग्राम दर्राभाठा में बाढ़ के चलते 5 घरों के 25 व्यक्ति टापू में फंसे थे जिन्हें सुरक्षित निकाला गया है। जिला प्रशासन, पुलिस और होमगार्ड की टीम द्वारा बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों का लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है। एसडीएम ने बताया कि बाढ़ से मिट्टी के बने घरों को नुकसान हुआ है जिनका शीघ्र आंकलन कर मुआवजा प्रकरण बनाए जाएंगे।