दिव्यांग नाबालिग से दुष्कर्म, आरोपी को 10 वर्ष की कैद व 60 हजार का अर्थदण्ड
Rape with Minor girl: पीड़िता का पुनर्वास करने का निर्देश
RAPE: एक ने बलात्कार,दूसरे ने बंधक बनाने का मामला दर्ज कराया
बिलासपुर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) ने शारीरिक रूप से चलने फिरने में असक्षम दिव्यांग नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोपी को पाक्सो एक्ट में 10 वर्ष धारा 450 में 5 वर्ष की कैद व् 60 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अर्थदण्ड नही देने पर आरोपी को चार माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। पचपेड़ी थाना क्षेत्र में रहने वाली 16 वर्षीय दिव्यांग की माँ 7 मई 2017 की सुबह 9 बजे उसे घर में अकेला छोड़कर नहाने तालाब गई थी। पीड़िता के चलने फिरने में असक्षम होने पर मां ने घर का दरवाजा उड़का दिया । माँ के जाने के बाद गांव में रहने वाला कमल नारायण जगत पिता दरबारी सिंह (48) दरवाजा खोलकर अंदर आया और मारपीट कर जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया। शरीर से दिव्यांग होने के साथ पीड़िता तुतलाकर बोलती है, इसके कारण वह हल्ला कर विरोध नही कर सकी। 10 बजे उसकी माँ तालाब से घर आई तो पीड़िता ने घटना की जानकारी उसे दी। इसके बाद पीड़िता के पिता के घर आने के बाद पचपेड़ी थाना में इस दुष्कृत्य की रिपोर्ट लिखाई गई। इस पर पुलिस ने आरोपी को 10 मई 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना उपरान्त विशेष न्यायाधीश पाक्सो की अदालत में चालान पेश किया गया। न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त किसी प्रकार की प्राप्त करने का हक़दार नही है। कोर्ट ने आरोपी को धारा 4 पाक्सो एक्ट में 10 वर्ष की कैद, 50 हजार जुर्माना वहीं धारा 450 में 5 वर्ष की कैद व् 10 हजार रूपए जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना नही देने पर आरोपी को चार माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पीड़िता का पुनर्वास कराने का निर्देश दिव्यांग नाबालिग के साथ हुए इस कृत्य से उसे घोर मानसिक व् शारिरिक पीड़ा झेलनी पडी है। कोर्ट ने शासन को पीड़िता का पुनर्वास कराने का निर्देश दिया है।
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