बिलासपुर

कांग्रेस में रह कर चुनाव लड़ते तो जोगी परिवार अदिवासी ही होता, अलग पार्टी बनाएं तो समस्या आई- रेणु

कांग्रेस में रह कर अदिवासी जाति के प्रमाण पत्र के बदौलत स्व.अजीत जोगी ने रायगढ़, शहडोल और मरवाही से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उस समय जाति मामले को लेकर कोई मुद्दा नहीं था और स्व. अजीत जोगी कांग्रेस की टिकट पर तीन बार मरवाही में चुनाव लड़ चुके हैं।

बिलासपुरOct 16, 2020 / 10:27 pm

Karunakant Chaubey

कांग्रेस में रह कर चुनाव लड़ते तो जोगी परिवार अदिवासी ही होता, अलग पार्टी बनाएं तो समस्या आई- रेणु

बिलासपुर. जनता कांग्रेस जोगी के प्रत्याशी के रूप में अमित जोगी ने हल छाप पर फार्म भरा है। साथ ही ऋचा जोगी ने भी फार्म भरा है। बाहर निकालते ही जाति मामले पर डॉ. रेणु जोगी बोलीं कि जब हमारा परिवार कांग्रेस के साथ रह कर चुनाव लड़ता था तो हमारी जाति पर कभी सवाल नहीं उठा और जब तक कांग्रेस में थे तब तक हमें आदिवासी ही माना जाता रहा।

कांग्रेस में रह कर अदिवासी जाति के प्रमाण पत्र के बदौलत स्व.अजीत जोगी ने रायगढ़, शहडोल और मरवाही से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन उस समय जाति मामले को लेकर कोई मुद्दा नहीं था और स्व. अजीत जोगी कांग्रेस की टिकट पर तीन बार मरवाही में चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में अब अमित की जाति मुद्दे को उठा कर उसे अदिवासी सीट से चुनाव लडऩे से कांग्रेस सरकार रोक रही है।

एक बार चुनाव कार्यक्रम बना फिर लॉकडाउन के चलते स्थगित हुआ, हालात सामान्य होने पर उपचुनाव

जबकि अदिवासी जाति के प्रमाण पत्र से अमित ने एक बार मरवाही चुनाव जीता भी है। अमित जोगी ने कहा कि अजीत का अमित अर्जुन का अभिमन्यु नहीं मरवाही का चक्रव्यूह तोड़ कर चुनाव जीत कर दिखाउंगा। राजनीतिक दबाव और दुर्भावना में मेरी पत्नी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित किया गया। यह लोग मेरे परिवार को चुनाव लडऩे से रोकन चाहते हैं।

24 सितंबर को एससीएसटी, ओबीसी एक्ट 2013 में नियम बदलने की वजह से समिति के पास सिर्फ प्रमाण पत्र निलंबित करने का अधिकार है। निलंबन अस्थाई प्रक्रिया है। जब तक पूरी तरह से प्रमाण पत्र निरस्त नहीं होता, वैधानिक रूप से निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र स्वीकार करना होगा।

जोगी कांग्रेस के चिह्न से अमित और ऋचा दोनों लड़ सकते हैं चुनाव

मरवाही उप चुनाव के लिए अमित जोगी के साथ ऋचा जोगी ने भी फार्म भरा है। अमित जागी ने बताया कि यदि मेरा फार्म रिजेक्ट होता है तो बी फार्म में एक कॉलम वैकल्पिक प्रत्याशी का भी होता है जिसमें ऋचा जोगी का नाम है। किसी कारण से मेरा नामांकन रिजेक्ट होता है तो ऋचा जोगी कांग्रेस के चिह्न हल छाप में चुनाव लड़ सकती हैं। फिलहाल चिह्न में चुनाव लडऩे के लिए मेरे नाम से नामांकन दाखिल किया गया है।

अमित व ऋचा को लंबी उम्र का आशीर्वाद दिया: ज्योत्सना

नामांकन फार्म भरने कांग्रेस प्रत्याशी के साथ पहुंचीं क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा स्व. अजीत जोगी मेरे भाई थे। मुझे उन्होंने कहा था कि मरवाही में कभी मेरे साथ दौरा करो उसके बाद इस क्षेत्र से आपको कोई हीला नहीं पाएंगा। नामांकन के दौरान अमित जोगी और ऋचा जोगी ने ज्योत्सना महंत के पैर छूए तो उन्होंने उन्हें लंबी उम्र का आशीर्वाद दिया। लेकिन जीत का आशीर्वाद उन्होंने अपने प्रत्याशी के.के. धु्रव को देने की बात कही।

कांग्रेस किसी को चुनाव लडऩे से नहीं रोक रही : मोहन मरकाम

कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन दाखिल कर लौटे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से जब जोगी जाति मामले और छानबिन समिति की रिपोर्ट में ऋचा का जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की बात पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार किसी को भी चुनाव लडऩे से नहीं रोक रही है। जो भी मरवाही आदिवासी सीट से चुनाव लडऩा चाहते हैं अगर वो आदिवासी है तो अपना प्रमाण पत्र दिखाए और लड़े।

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