प्रदर्शनी का आयोजन समाज सेवी महिला सराफ ने किया। उन्होंने बताया कि महिलाएं बहुत मेहनत करती है और उनको इस तरह का मंच मिलेगा तभी वे आगे भी अपने इस कार्य को उत्साह से करेंगी। एेसे में इनके कार्य को प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाया गया है। इस कार्यक्रम को मैं कोशिश एक उड़ान की नाम देती हूं क्योंकि यह स्टॉल महिलाओं के है और महिलाओं को एेसे अवसर मिलने पर वे आगे बढ़ सकती है। इस प्रदर्शनी में लाखासार से विश्व मां संतोषी महिला स्वसहायता समूह ने गोबर से बने दीए का स्टॉल लगाया। गनियारी से साईं महिला स्वसहायता समूह ने चूडि़यों का स्टॉल लगाया। शहडोल बुढ़ार से आई सरिता खेमका ने पोशाक के स्टॉल लगाए।
० गोबर के दीए सभी को आए पसंद लाखासार से आई स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए गोबर के दीए को लोगों ने सबसे ज्यादा पसंद किया। इसमें समूह की अनुपा व गुलाबा ने गोबर से दीए बनाने की विधि बताई। साथ ही उन्होंने बताया कि इस दीए का इस्तेमाल करने के बाद इसका उपयोग खाद की तरह कर सकते है।