शहदी छत्रधारी प्रसाद जांगड़े की पत्नी चुलेस जांगड़े ने बताया कि उनके अचानक यूं चले जाने से मेरे ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। तीन छोटे-छोटे बच्चों की परवरिश करना मेरे के लिए किसी जंग से कम नहीं था। लेकिन उनकी कहीं गई बात मुझे हर वक्त हौंसला देते रहे। वहीं परिवार वाले भी हमेशा मेरा उत्साहवर्धन करते रहे। आज उनका जो सपना था पूरा हो रहा है।
शहीद छत्रधारी प्रसाद जांगड़े की शादी 1996 में ही हो चुकी थी। शिक्षक की नौकरी के दौरान ही उनकी दो बेटी और एक बेटा था, जो कक्षा छठवीं, नर्सरी और बेटा मात्र डेढ़ साल था। आज बड़ी बेटी अंजली जांगड़े बीई की पढ़ाई कर रही है। वहीं दूसरी बेटी अर्चना जांगड़े 12 वीं साइंस क्लास की स्टूडेंट है। बेटा आशुतोष जांगड़े नवमीं क्लास में अध्ययनरत हैं।