इसे विडंबना ही कहें कि जनसंख्या नियंत्रण हेतु परिवार नियोजन कार्यक्रम को 1952 में लागू करने वाला विष्व का पहला देश भारत (world population day) अगले सन 2028 तक जनसंख्या के लिहाज से चीन को पछाड़कर विष्व में प्रथम स्थान पर आ जाएगा। विगत सालों में चीन ने जनसंख्या में कमी लाने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं मगर भारत में इस ओर कोई सख्त कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। हाल ही में जनसंख्या वृद्धि पर संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक पूरे विष्व की जनसंख्या के 970 करोड़ होने की संभावना है।
आज की स्थिति में भारत युवाओं का देष है। (world population day india) मगर यह स्थिति अधिक सालों तक नहीं रहने वाली है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और विस्तार के कारण एक अनुमान है कि वर्ष 2050 तक वैश्विक औसत आयु 76 वर्ष और वर्ष 2100 तक 82 वर्ष हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीकी देशों की जनसंख्या 1.1 अरब से बढ़कर 2.4 अरब हो जाएगी, तथा वर्ष 2100 तक दुनिया भर में 60 वर्ष से ज्यादा आबादी की संख्या तिगुनी हो जाएगी। यह भी अनुमान है कि 2013-2100 के मध्य भारत सहित नाइजीरिया, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इथियोपिया, तंजानिया, इंडोनेशिया, मिस्र और अमेरिका में दुनिया भर की आधी आबादी रहेगी। वैश्विक जनसंख्या में जो वृद्धि होगी उसमें आधी से अधिक वृद्धि भारत, में होने का अनुमान है। इन देशों में भारत में सबसे अधिक वृद्धि होगी।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी विश्व जनसंख्या संभावना नामक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले 30 वर्षों में विश्व की जनसंख्या (world population) दो अरब तक बढ़ने की संभावना है। 2050 तक जनसंख्या के 7.7 अरब से बढ़कर 970 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है। जहां अनेक देशों में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं चीन जैसे कुछ देशों में इसमें कमी आ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2010 के बाद से 27 देश ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या में एक या इससे भी अधिक फीसदी की कमी आई है। साल 2019 से 2050 तक 55 देशों में आबादी में एक फीसदी या उससे अधिक की कमी आने का अनुमान है। इनमें से 26 की जनसंख्या में 10 फीसदी तक की कमी आ सकती है। उदाहरण के तौर पर चीन में इस समय अवधि में जनसंख्या में 3.14 करोड़ यानी 2.2 फीसदी कम होने का अनुमान है।