जिला अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि प्रतिदिन मोतियांबिंद, हाइड्रोसिल, हड्डी, इएनटी सहित अन्य विभाग में न्यूनतम 10 ऑपरेशन तो हो जाते थे आठ माह का हिसाब लगाया जाए तो इस वर्ष जिला अस्पताल में 1920 ऑपरेशन नहीं हो सके। मशीन कोविड अस्पताल में कैद होने के कारण लोगों को छोटे बड़े आपरेशन के लिए सिम्स का चक्कर काटना पड़ता है।
सिम्स में आपरेशन नहीं होने पर निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है जहां मरीजों को हर आपरेशन की दो गुनी कीमत चुकी पड़ती है। कोविड अस्पताल के मशीनों को बाहर कर आपरेशन चालू करने की मांग लगातार की जा रही है लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि कोविड अस्पताल में आपरेशन करने से संक्रमण का खतरा हो सकता है।