रेल कर्मचारियों ने बताया कि इसी यूएसफडी मशीन पर काम करते हुए चार महीने पहले 10 अप्रैल को छादा स्टेशन के पास भी इसी प्रकार की घटना घटित हुई थी। (bilaspur accident today) जिसमें यूएसफडी मशीन के साथ साथ एक ट्रैकमेंटेनर मुकेश चौधरी की भी मौके में ही मौत हो गई थी। (bilaspur railway zone) इतनी बड़ी घटना के बाद पुन: इस प्रकार की घटना दोबारा होना रेलवे की सुरक्षा के लिहाज से बहुत ही गंभीर है।
राजेन्द्र कुमार कौशिक, संस्थापक अध्यक्ष, द.पू.म.रेलवे ट्रैकमेंटेनर एसोसिएशन बिलासपुर जोन ने कहा कि हमने पहले भी रेल प्रशासन से यूएसफडी टीम को वॉकी-टॉकी दिलाने के लिए बात की थी। (bilaspur accident news today) अभी-अभी आंदोलन के माध्यम से भी अधिकारियों से इस विषय में बात हुई थी। जिस पर अधिकारियों ने जल्द वॅाकी-टॉकी दिलाने की बात कही थी। (bilaspur railway station) संरक्षा और सुरक्षा के लिहाज से इसकी सुविधा अभी तक नहीं कर पाने से हमेशा खतरे की आशंका बनी हुई है।