मस्तूरी विधायक डॉ. कृष्ण मूर्ति बांधी ने 5 कार्यकर्ताओं की शिकायत की थी। ऐसे चिन्हांकित कार्यकर्ताओं को चुनाव से दूर रखने की बात कही थी। इसके बाद से कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं।
कोटा विधानसभा प्रत्याशी रहे कांशीराम साहू ने मतगणना के पहले ही संगठन को 7 बड़े पदाधिकारियों के ऊपर जोगी कांग्रेस को साथ देने का आरोप लगाया। पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के खिलाफ लिखित शिकायत की। प्रदेश के नेतृत्व ने सुनी तक नहीं।
लोरमी के प्रत्याशी तोखन साहू ने भी संगठन में शिकायत की। यहां टिकट बंटने के बाद ही कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया था। प्रदेश नेतृत्व ने न तो साहू की सुनी न कार्यकर्ताओं की। नतीजे में हार मिली।
तखतपुर के प्रत्याशी रही हर्षिता पाण्डेय का विवाद भाजपा कार्यालय में एक बैठक के दौरान हो गया। हर्षिता हार का ठीकरा कार्यकर्ताओं पर फोड़ रही थी। तब एक कार्यकर्ता से भरी मीटिंग में कहा किसी कार्यकर्ता को साथ लेकर नहीं चली भरोसा नहीं किया इसलिए चुनाव हारे। विवाद हुआ।
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने भी कार्यकर्ताओं पर चुनाव में काम नहीं करने का आरोप लगाया। मंत्री ने कहा कि 15 साल से सत्ता के नशे में चूर थे कार्यकर्ता। हार की जिम्मेदारी लेते हुए 2 एल्डरमेन ने इस्तीफा दे दिया।
कौशिक का भारी विरोध करबला रोड स्थित भाजपा कार्यालय में बीजेपी कार्य-समिति की बैठक में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कौशिक द्वारा मीडिया में दिए बयान का भारी विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने कहा प्रदेश अध्यक्ष भाजपा कार्यकर्ताओं से माफी मांगें। विरोध में कई कार्यकर्ता बैठक में नहीं आए।
सरोज पांडेय ने भाजपा कार्यालय में धरमलाल की बात को काटते हुए कहा, छग में 3 बार कार्यकर्ताओं के दम पर हमने सरकार बनाई हमारा। 1-1 कार्यकर्ता हीरा।