कोरोना बीपी और शुगर के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हुआ है। डाक्टरों का कहना है जिस व्यक्ति की इंम्यूनिटी कमजोर रहता है उसे यह संक्रमण ज्यादा प्रभावित करता है। जब तक ठंड और वैक्सीन नहीं आ जाता है तब तक लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा खतरनाक बुजुर्गों के लिए है। खून में थक्के, लकवा और हृदयघात से उनकी मौते भी हो रही है। 210 दिन में कोविड अस्पताल में 1521 मरीज भर्ती हुए। 87 मरीज दम तोड़ सबसे ज्यादा मौत 50 से 60 साल वाले मरीजों की हुई है। इस उम्र के 42 मरीजों ने दम तोड़ा है।
प्रदेश में कोरोना से 3 हजार मौतें, लगभग 2 लाख 48 हजार लोग हो चुके हैं संक्रमित
वहीं 6० से 70 साल वाले 18 मरीजों की मौत हुई है। 42 से 50 साल वाले 12, 31 से 40 साल वाले 9 मरीजों ने अंतिम सांस ली है। 25 से 30 साल में सिर्फ 5 मरीज की मौत हुई है। वहीं 80 साल से अधिक वालों में 3 लोगों ने दम तोड़ा है। 23 डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों की मौत हुई है वहीं हृदयघात और किडनी की बीमारी से 4 मरीजों की मौत हुई है।
कोविड अस्पताल से 52 मरीजों को काफी गंभीर होने पर रेफर किया गया था। लकवा के पांच मरीज की मौत हुई है। डॉक्टर का कहना है कि बीपी और शुगर के मरीजों के लिए कोरोना ज्यादा खतरनाक है। सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन का कहना है कि कामकाजी लोग सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं बचाव के लाख उपाय करने के बाद भी लोगों के संपर्क में आ ही जाते हैं।
शुगर व ब्लड प्रेशर के मरीजों को कोराना का खतरा ज्यादा
सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गुप्ता का कहना है कि जिन मरीजों को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी रहती उन्हें कोरोना वायरस ज्यादा खतरा रहता है। वायरस जब इनके शरीर के भीतर पहुंच जाता है, तो खून में थक्के जमाने लगता है। इसके कारण इन मरीजों के महत्वपूर्ण अंक काम करना बंद कर देते हैं और अचानक से इनकी मौत हो जाती है। इसलिए डायबिटीज और ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को कोरोना से बचाव के लिए समय-समय जांच करानी चाहिए।