बीच सडक़ पर वह तड़पता रहा लेकिन किसी ने भी उसे समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा, जिससे वह जिंदगी की जंग हार गया और एक परिवार के घर का चिराग बुझ गया। सडक़ की गलत साइड से आ रही एक कार से बचने के लिए पचरी घाट निवासी बाइक सवार डिवाइडर से जा भिड़ा। 15 मिनट तक सडक़ पर तड़पता रहा और जबतक परिजन उसे सिम्स लेकर पहुंचते,रास्ते में ही मौत हो गयी। बाइक में ही सवार दो अन्य साथियों को भी गंभीर चोटें आयी हैं और उनका सिम्स में उपचार चल रहा है। सरकंडा पुलिस मामले में मर्ग कायम कर जांच कर रही है।
पुलिस की जानकारी के अनुसार पचरीघाट निवासी देवेन्द्र विश्वकर्मा पिता हनुमान प्रसाद (36) अपने साथियों हितेन्द्र कश्यप पिता नंद कुमार (38) कुशालपुर रायपुर व प्रकाश विश्वकर्मा पिता शंकर लाल निवासी दुर्ग के साथ शादी का सामान लेने के लिए राजकिशोर नगर की ओर गया था। वापसी के दौरान सोनगंगा कॉलोनी के पास रॉग साइड से आ रही तेज रफ्तार कार से बचने के लिए देवेन्द्र ने अपनी बाइक को बचाने का प्रयास किया तो सीधे डिवाइडर से जा टकरा गई। वाहन सवार तीनों दोस्तों को गंभीर अवस्था में सिम्स ले जाया जा रहा था। इस दौरान देवेंद्र उर्फ बंदी की रास्ते में ही मौत हो गई। वहीं प्रकाश व हितेन्द्र का सिम्स में उपचार चल रहा है।
प्रकाश के भाई की थी शादी: प्रकाश विश्वकर्मा के भाई की शादी मंगलवार को कुर्मीक्षत्री भवन में कांग्रेस नेता अनिल टाह के द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में प्रकाश के भाई की शादी थी। देवेन्द्र व हितेन्द्र भी शादी में शामिल होने पहुंचे थे।
112 करती प्रयास तो बच सकती थी देवेन्द्र की जान
प्रत्क्षदर्शीयों की माने तो जिस दौरान दुर्घटना हुई मौके पर दो 112 की वाहन पहुंच गई थी। लेकिन दोनों ही वाहन मौके पर तमाशबीन बन कर बैठी 108 एम्बुलेंस के आने का इंतजार करती रही। इस दौरान दुर्घटना की सूचना परिजनों को मिल गई। दुर्घटना की जानकारी लगते ही देवेन्द्र के परिजन मौैके पर पहुंच कर देवेन्द्र को मोटर सायकल से और प्रकाश व हितेन्द्र को ऑटो में लेकर सिम्स लेकर पहुंचे। सिम्स पहुंचने पर डॉक्टरों ने देवेन्द्र को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने कहा अगर 112 समय रहते तीनों को हॉस्पिटल लेकर आ जाती तो देवेन्द्र की जान भी बचाई जा सकती थी। क्योंकि दुर्घटना के 10 मिनट तक देवेन्द्र मौके पर ही तड़पता रहा।