आषाढ़ मास से वर्षा ऋतु का मौसम शुरू हो जाता है। इस दौरान लोगों को बारिश-बाढ़ का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मांगलिक कार्य करना काफी मुश्किल हो जाता है। बारिश का मौसम होने के कारण इस दौरान रोगों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। लोगों की बीमारियों से लडऩे की क्षमता काफी कम हो जाती है। माना जाता है कि इन चार महीनों में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव काफी ज्यादा बढ़ जाता है और सकारात्मक शक्तियां कमजोर पडऩे लगती हैं। जिस कारण भी कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते।
देवशयनी एकादशी पर इस तरह कराएं भगवान विष्णु को शयन
इस दिन भगवान विष्णु को शयन कराने के लिए भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराया जाता है। इसके बाद धूप और दीप से पूजा करें। भगवान विष्णु के शयन के लिए बिस्तर तैयार करें। शयन के लिए पीले रंग का कपड़ा लाकर भगवान विष्णु को शयन कराएं। भगवान विष्णु के शयनकाल के दौरान सावन, शारदीय नवरात्रि, करवा चौथ, दीपावली और छठ पूजा जैसे व्रत और त्योहार आते हैं।