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तुलसी से दूर रहते हैं बैक्टीरिया और वायरस, श्वासनली, खांसी व फेफड़ों के संक्रमण में मिलता फायदा

तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, सर्दी-जुकाम व श्वासनली से जुड़े रोग तुलसी की से ठीक होते हैं।

जयपुरApr 04, 2020 / 05:05 pm

विकास गुप्ता

तुलसी से दूर रहते हैं बैक्टीरिया और वायरस, श्वासनली, खांसी व फेफड़ों के संक्रमण में मिलता फायदा

Bacteria and viruses stay away from basil

तुलसी का पौधा वतावरण में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। तुलसी की सुगंध श्वास संबंधी कई रोगों से बचाती है। इसकी एक पत्ती रोज खाने से रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जहां तुलसी का पौधा होता है वहां बैक्टीरिया और जीवाणु जिंदा नहीं रहते। इससे घर पर लगामे से वातावरण शुद्ध होता है। तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, सर्दी-जुकाम व श्वासनली से जुड़े रोग तुलसी की से ठीक होते हैं।

तुलसी की सूखी पत्तियों को पीसकर उबटन लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और झाइयां दूर होती हैं। तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। नियमित तौर पर तुलसी के ताजे पत्ते खाने से इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सकती है। यह श्वासनली से जुड़ी बीमारी अस्थमा में फायदेमंद होती है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाली ब्रोंकाइटिस (खांसी) व फेफड़ों में संक्रमण से भी बचाव करती है। इन तमाम बीमारियों में तुलसी फेफड़ों की कार्यक्षमता में भी सुधार करती है। तुलसी के पत्ते चाय के साथ सेवन करने से सर्दी, जुकाम व थकान संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।

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