
Coronavirus: asthma causes symptoms treatment and prevention
बदलते मौसम में सांसनली सिकुड़ने की आशंका बढ़ जाती है। यदि इसका समय रहते इलाज न किया जाए तो अस्थमा के अटैक का खतरा रहता है।
कारण: प्रदूषण व आनुवांशिकता इसके मुख्य कारण माने जाते हैं। माता-पिता में यह परेशानी होने पर बच्चों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है। मौसम में होने वाले बदलावों का श्वासनलियों पर प्रभाव पड़ता है जिससे यह समस्या हो सकती है। जिन लोगों को धूल, धुआं, पालतू जानवरों और किसी तरह की दवाओं से एलर्जी है उन्हें इस मामले में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही लगातार मानसिक तनाव से भी अस्थमा की दिक्कत हो सकती है।
लक्षण - सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई, तेज खांसी, नाखून व होठ नीले पड़ना, तीव्र अस्थमा अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा छाती में जकड़न, सांस लेते समय खर-खर की आवाज आदि इसके सामान्य लक्षण हैं।
अस्थमा अटैक आने पर -
सीधे खड़े हो जाएं या बैठ जाएं और लंबी सांस लें। लेटें बिल्कुल नहीं।
कपड़ों को ढीला कर लें।
गर्म कैफीनयुक्त ड्रिंक लें जैसे कॉफी या चाय आदि। इससे श्वास मार्ग थोड़ा खुलने में मदद मिलेगी।
मेडिकेशन -
अस्थमा में दो तरीके की दवा दी जाती है। एंटी-इनफ्लेमेट्री दवाओं से सांसनली की सूजन को कम किया जाता है और दूसरी क्विक रिलीफ वाली दवाएं हैं जो सांस की समस्या में आराम देती हैं।
विटामिन-ई से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे जैतून का तेल, मूंगफली, सेब आदि अधिक से अधिक खाएं।
विटामिन-बी युक्तसूखे मेवे, अंकुरित अनाज और फलियां भी छाती की जकड़न, खांसी, सांस लेने में तकलीफ की समस्या को दूर करने में सहायक हैं।
बचाव के तरीके -
डॉक्टर द्वारा निर्देशित दवाएं समय पर लें। जरूरत के अनुसार इनहेलर का प्रयोग करें।
उन कारणों से बचें जिनसे अस्थमा के अटैक की आशंका बढ़ती है।
खानपान पर नियंत्रण रखें और धीरे-धीरे व अच्छी तरह चबाकर खाएं। मैदा-सूजी से बनी चीजों को खाने
से बचें।
गर्म मसाले, लाल मिर्च व अचार से परहेज करें या कम मात्रा में लें।
शहद अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह म्यूकस को पतला कर शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है।
धूल, सिगरेट का धुआं, पालतू जानवरों के फर से खुद को बचाएं। संभव हो तो कोहरे में घर के बाहर न जाएं और नियमित योग करें।
Published on:
19 Mar 2020 05:02 pm
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