उन्होंने बताया, “आहार में एंटीअक्सिडेंट की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। एंटीअक्सिडेंट बीमार कोशिकाओं को दुरुस्त करते हैं और सेहत बरकरार रखते हुए उम्र के असर को कम करते हैं। विटामिन तथा जिंक रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं। हरी सब्जियों तथा फलों को विशेष रूप से भोजन में शामिल करें। भरपूर नींद तथा तनावमुक्त रहने का अभ्यास करें। सूर्य की रोशनी में सवेरे तेल मालिश करने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विटामिन-डी रोग प्रतिरोधकता के लिए महवपूर्ण कारक है। सभी खट्टे फल इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं। सब्जियों का सूप पीना इम्यूनिटी तो बढ़ाता ही है, सर्दी-जुकाम में भी फायदा करता है। सर्दी-जुकाम-खांसी वगैरह ज्यादा दिनों तक बने रहें तो इसे सामान्य न समझें और इलाज कराएं।”
योगासन-प्राणायाम भी अच्छे उपायव्यायाम की तमाम पद्धतियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने की दृष्टि से योगासन और प्राणायाम सबसे अच्छे उपाय हैं।