स्वास्थ्य

Corona: डेंगू-मलेरिया या कोरोना में पेन किलर न लें

कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। वहीं भारत में मानसून के कारण मच्छर जनित बीमारियां जैसे डेंगू-मलेरिया का भी खतरा बढ़ गया है। कोरोना की तरह से डेंगू और मलेरिया में भी बुखार होता है। जानते हैं इन तीनों बीमारियों में क्या अंतर होता है। इससे कैसे बचाव किया जा सकता और कौन-कौनसी सावधानियां हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है।

Aug 11, 2020 / 08:46 pm

Hemant Pandey

Corona: डेंगू-मलेरिया या कोरोना में पेन किलर न लें

कोरोना: सांस में दिक्कत
यह हल्की खांसी, गले में खराश और तेज बुखार के साथ शुरू होता है। बाद में मरीज को सांस लेेने में दिक्कत होने लगती है। फेफड़ों को नुकसान होने से शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को ऑक्सीजन कम मिलती है। इसमें सबसे जरूरी पहचान मरीज की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री है कि पिछले 14 दिनों में व्यक्ति कोरोना पॉजेटिव के संपर्क में संपर्क में आया हो।
मलेरिया: सर्दी व बुखार
बुखार, कंपकपी, सिरदर्द, उल्टी-कमजोरी, चक्कर आना, पसीना आकर बुखार उतरना। बुखार एक दिन छोडक़र आता है। इसमें पाचन खराब होने के साथ पीलिया का असर होता है। एंटीबायोटिक्स न लें। असर नहीं करता है। मलेरिया में कम से कम एक सप्ताह आराम करें। 15 दिन बाद ही कठिन काम करें। बुखार होने पर केवल पैरासेटमॉल ही लें।
डेंगू: आंखों के पीछे दर्द
तेज बुखार रहना, आंखों के पीछे, मांपेशियों, हड्डियों व सिर में दर्द, शरीर पर लाल चकते, भूख न लगना, जी मिचलाना, मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का-सा दर्द होना आदि लक्षण हैं। गंभीर अवस्था में ब्लीडिंग होता। प्लेटलेट्स कम हो जाता है। मच्छर काटने के 3-5 दिन बाद लक्षण दिखते हैं। लक्षणों के आधार पर इलाज होता है।
पेन किलर न लें
इ न तीनों बीमारी में पेन किलर लेना जानलेवा हो सकता है। डेंगू में पेन किलर लेने से प्लेटलेट्स तेजी से कम होता है। ब्लीडिंग शुरू हो सकता है। इन बीमारियों में पाचन प्रभावित होता है। इसलिए हल्का खाना खाएं। लिक्विड डाइट नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी, शिकंजी ज्यादा मात्रा में लें। इम्युनिटी ठीक रहे इसलिए जिंक व विटामिन सी वाली चीजें खाएं।
आयुर्वेद से बचाव करें
आ युर्वेद में डेंगू का दंडक ज्वर कहते हैं क्योंकि इसमें हड्डियों के टूटने जैसा दर्द होता है। वहीं, मलेरिया को विषम ज्वर कहते हैं। ये वायरस से होते हैं। वायरस शरीर में तभी नुकसान पहुंचाते हैं जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजें मानसून भर लेते हैं। इसके लिए आवंला, गिलोय, कालीमिर्च, सौंठ, मुलैठी, तुलसी के पत्तियां और च्वयनप्राश नियमित रूप से लेते रहें। इनकी टेबलेट या क्वाथ किसी भी रूप में ले सकते हैं। इन बीमारियों में पाचन और दूसरे महत्वपूर्ण अंगों पर असर पड़ता है। इसलिए त्रिकटु लें। इस मौसम में अग्नि मंद हो जाती है यानी पाचन खराब हो जाता है। त्रिकटु अग्निदीप का भी काम करता है।

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