सुबह 7 से 9 :
इस समय छोटी आंत पोषक तत्वों को स्वीकार करने के लिए तैयार होती है। इसलिए नाश्ते का यह सबसे उपयुक्त समय है। रात 9 से 11 बजे :
यह वह समय है जब एंटीबॉडी सिस्टम से गैरजरूरी टॉक्सिक रसायन बाहर निकालते हैं। इस समय शरीर आराम की अवस्था में होना चाहिए। रात 9-11 बजे अधिक शारीरिक क्रियाएं नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
रात 11 से 1 बजे : यह निंद्रा काल है। रात 1 से 3 बजे : पित्त के विषहरण का यह समय है। यह भी गहरी नींद में ही होना चाहिए। सुबह 3 से 5 बजे : यह फेफड़ों के डिटॉक्सीफिकेशन का समय है। साफ-सफाई की प्रक्रिया रेस्पिरेट्री ट्रेक तक पहुंचती है तो लोग इस दौरान खांसी-कफ की शिकायत करने लगते हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए।
सुबह 5 से 7 : यह बड़ी आंत की साफ-सफाई का समय है। इस समय सारी आंतें खाली होती हैं। इसलिए सुबह उठकर शौच आदि जाने से निवृत्त होने का यही समय उचित माना गया है।