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बॉडी एंड सॉल

बॉडी क्लॉक के हिसाब से खाएं खाना, हमेशा रहेंगे फिट

हम अपनी लाइफस्टाइल, खानपान, उठने-बैठने, सोने-जागने व घूमने फिरने के कारण बॉडी क्लॉक की सुई गड़बड़ कर देते

जयपुरFeb 19, 2019 / 07:25 pm

युवराज सिंह

body clock

बॉडी क्लॉक के हिसाब से खाएं खाना, हमेशा रहेंगे फिट

हमारी दिनचर्या तीन तरह की घड़ियाें से संचालित है। एक यूनिवर्सल क्लॉक यानी कब सूर्योदय होगा, कब सूर्यास्त होगा। यह सर्वमान्य घड़ी है। दूसरी सेल्फ क्लॉक यानी हम जब उठते हैं तभी से सूर्योदय मानते हैं और जब सोते हैं तभी रात। तीसरी क्लॉक है बॉडी क्लॉक। हम अपनी लाइफस्टाइल, खानपान, उठने-बैठने, सोने-जागने व घूमने फिरने के कारण बॉडी क्लॉक की सुई गड़बड़ कर देते हैं और रोगों को बुलावा देते हैं। जानते हैं इस घड़ी के मूल्यवान समय के बारे में :-
सुबह 7 से 9 :
इस समय छोटी आंत पोषक तत्वों को स्वीकार करने के लिए तैयार होती है। इसलिए नाश्ते का यह सबसे उपयुक्त समय है।

रात 9 से 11 बजे :
यह वह समय है जब एंटीबॉडी सिस्टम से गैरजरूरी टॉक्सिक रसायन बाहर निकालते हैं। इस समय शरीर आराम की अवस्था में होना चाहिए। रात 9-11 बजे अधिक शारीरिक क्रियाएं नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
रात 11 से 1 बजे : यह निंद्रा काल है।

रात 1 से 3 बजे : पित्त के विषहरण का यह समय है। यह भी गहरी नींद में ही होना चाहिए।

सुबह 3 से 5 बजे : यह फेफड़ों के डिटॉक्सीफिकेशन का समय है। साफ-सफाई की प्रक्रिया रेस्पिरेट्री ट्रेक तक पहुंचती है तो लोग इस दौरान खांसी-कफ की शिकायत करने लगते हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए।
सुबह 5 से 7 : यह बड़ी आंत की साफ-सफाई का समय है। इस समय सारी आंतें खाली होती हैं। इसलिए सुबह उठकर शौच आदि जाने से निवृत्त होने का यही समय उचित माना गया है।

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