अध्ययन में पाया गया है कि जिन पुरुष और महिलाओं ने जीवनभर शराब से दूरी बनाए रखी, उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहा।जो महिलाएं औसत शराब पीती थी या शराब पीना छोड़ देती थी, उनमें मानसिक तौर पर सकारात्मक बदलाव देखने को मिले।
फिलहाल यह अध्ययन चीन व अमेरिका के नागरिकों पर हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह शोध भारतीय नागरिकों पर भी किया जा सकता है। विशेषज्ञाें के अनुसार एक महीने के लिए भी शराब छोड़ना पेट और शरीर की रस प्रक्रिया (मेटाबॉलिक) सिस्टम को दुरुस्त करने में मदद कर सकता है और इसके लक्षणों को खत्म कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ को भी बढ़ावा देता है।
एक स्वस्थ मस्तिष्क और जिगर के लिए शराब से परहेज अनिवार्य है। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली और दिल के लिए भी शराब से दूरी बनानी जरूरी है। खासकर महिलाओं पर शराब का प्रभाव अधिक हानिकारक है।
शराब हमारे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के लिए हानिकारक है और हमारी मनोदशा में उतार-चढ़ाव ला सकती है। शराब हमारे मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को कम करती है। इसके नियमित सेवन से मस्तिष्क का रसायन विज्ञान बदल जाता है जिससे मस्तिष्क स्वास्थ्य में गिरावट आती है।