सुबह के समय ठंडे पानी से नहाना आलस दूर करता है। इससे शरीर में बीटा एंडोर्फिन केमिकल सक्रिय होता है जो तनाव कम करने में मददगार है।शोध के अनुसार ठंडे पानी से नहाने से टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के रिलीज में मदद मिलती है जिससे पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह फेफड़ों की कार्यप्रणाली सुधारने के साथ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और लसीका ग्रंथि को सक्रिय करता है। इससे संक्रमण की आशंका कम होती है।
गर्म तापमान कीटाणुओं को अधिक तेजी से मारता है। इस तरह गुनगुने पानी से नहाने से शरीर साफ होता है। शोधों से पता चला है कि गुनगुना पानी मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार करता और दर्द में आराम देता है। यह शुगर के स्तर को कम करने और मधुमेह की स्थिति को सामान्य करने में मददगार है।इसके अलावा यह स्नान कई बीमारियों के साथ खांसी-सर्दी के इलाज में फायदेमंद है साथ ही कफ भी दूर करता है।
नहाने के लिए पानी गर्म या ठंडा कैसा होना चाहिए आयुर्वेद में इसके चयन के लिए कुछ कारकों के बारे में बताया गया है। जानिए इनके बारे में…
उम्र : अधिकतर युवा व बुजुर्ग को गुनगने पानी से नहाना चाहिए। लेकिन यदि आप छात्र हैं तो ठंडे पानी से नहाना बेहतर है। इससे बॉडी एक्टिव रहती है।
जल्दबाजी में नहाने से इसके लाभ नहीं मिल पाते, साथ ही सफाई भी नहीं हो पाती है। ऐसे में धीरे-धीरे नहाएं ताकि शरीर के हर हिस्से की सफाई हो सके। नहाने की शुरुआत हाथ और पैरों को धोने से करें।