मस्तिष्क का खास हिस्सा ग्रे मैटर असल में गुलाबी होता है और यह सूचनाओं के आदान-प्रदान और सहज बुद्धि के लिए जिम्मेदार होता है।
ऐसे बच्चे जो पांच साल की उम्र में दो भाषाएं सीख जाते हैं, दूसरे बच्चों की तुलना में उनके दिमाग की संरचना में बदलाव आता है और जब वे वयस्क होते हैं तो उनका ग्रे मैटर ज्यादा घना होता है।
रेत के एक कण के बराबर दिमाग के हिस्से में एक लाख न्यूरॉन्स और एक अरब सिनोप्सिस होते हैं और ये सभी एक-दूसरे के साथ सीधे जुड़कर बातें करते हैं।
कई बार किसी दूसरे इंसान को उबासी लेते देख हमें भी उबासी आने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे दिमाग में कुछ कोशिकाएं ऐसी होती हैं जिन्हें मिरर न्यूरॉन्स कहा जाता है, ये नकलची कोशिकाएं भी कहलाती हैं। अगर ये क्षतिग्रस्त हो जाएं तो इंसान को अन्य लोगों से रिश्ते और संवाद बनाने में दिक्कत होती है।