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बॉडी एंड सॉल

जानिए क्यों आते हैं खर्राटे, कैसे करें कंट्रोल

खर्राटों के कारण नींद पूरी नहीं हो पाती जिससे कमजोर एकाग्रक्षमता, सुस्ती और उनींदापन जैसे लक्षण होते हैं

जयपुरApr 13, 2019 / 05:10 pm

विकास गुप्ता

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खर्राटों के कारण नींद पूरी नहीं हो पाती जिससे कमजोर एकाग्रक्षमता, सुस्ती और उनींदापन जैसे लक्षण होते हैं

आपने अपने आसपास कुछ लोगों को सोते समय खर्राटे लेते हुए देखा होगा, कई बार ये खर्राटे स्लीप एप्निया का कारण भी हो सकते हैं-

क्या है स्लीप एप्निया : सोते समय जब हम सांस लेते हैं तो ऑक्सीजन नाक या मुंह के माध्यम से गले में स्थित वायु-मार्ग से होती हुई सीधे फेफड़ों और हृदय तक पहुंचती है। लेकिन कुछ लोगों में विभिन्न कारणों की वजह से यह मार्ग बाधित हो जाता है जिसकी वजह से ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाती और यह स्थिति गले में कंपन पैदा करती है जो कि खर्राटे के रूप में सुनाई देती है।

कभी-कभी यह रुकावट इतनी गंभीर हो जाती है कि गले का वायु-मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को बेचैनी महसूस होने लगती है। विशेषज्ञों के मुताबिक खर्राटों के कारण नींद पूरी नहीं हो पाती जिससे कमजोर एकाग्रक्षमता, सुस्ती और उनींदापन जैसे लक्षण होते हैं जो कि आगे चलकर ब्रेन स्ट्रोक और दिल के दौरे का जोखिम बढ़ा सकते हैं। साथ ही इससे लकवा, मानसिक अवसाद व डायबिटीज जैसी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे दूर होगी समस्या –
सी-पैप मशीन : यह स्लीप एप्निया के लिए कारगर उपचार है। इसे नैबोलाइजर भी कहते हैं। इसे नाक पर लगाकर सोने से स्टीम मिलती रहती है। जिससे वायु-मार्ग खुला रहता है व व्यक्ति चैन की नींद सो सकता है। इसके इस्तेमाल से खर्राटों में कमी होने के साथ-साथ नींद पूरी होने व ऑक्सीजन ठीक से मिलने से आप दिनभर एक्टिव रहते हैं, मूड ठीक रहता है व याददाश्त में सुधार होता है। आजकल ये मशीन छोटे आकार व पहले की तुलना में हल्की आने लगी है जिसे रातभर बिस्तर के किनारे रखकर चैन की नींद सो सकते हैं।

प्रमुख कारण –
सर्जरी भी है विकल्प : यदि आप रोजाना मशीन लगाने से बचना चाहते हैं तो इसका अन्य विकल्प है सर्जरी। यह उन लोगों को लिए भी अच्छा है जिनके मुंह और गले की बनावट में विकृति होती है। सर्जरी में रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन द्वारा श्वास-मार्ग चौड़ा किया जाता है जो कि जबड़े की बनावट या किसी वजह से सिकुड़ गया है।

वजन करें कंट्रोल : अधिक वजन भी स्लीप एप्निया का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में वे लोग जिनकी गर्दन मोटी है, उनमें वायु-मार्ग के आसपास अधिक ऊत्तकों के दबाव की आशंका रहती है। इससे वायु-मार्ग ब्लॉक हो सकता है। ऐसे में वजन कम करना जरूरी है।

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