1- जिम में पसीना बहाकर आप शरीर को फिट और मांसपेशियों को मजबूत रखते हैं। वहीं योग में शरीर, दिमाग और सांस तीनों का तालमेल होता है। जिससे शरीर मजबूत व लचीला और दिमाग शांत होता है। इससे तनाव कम होकर इम्युनिटी बढ़ती है और ऊर्जा मिलती है।
2- योग के लिए सिर्फ ताकत, संतुलन व लचीलापन चाहिए। किसी के पास यदि इनमें से कोई एक भी हो तो उसके सहारे दूसरी चीजों पर आसानी से काम हो सकता है। नियमित योग से जैसे-जैसे वजन कम होता है, शरीर लचीला होने लगता है।
3- दिन में किसी भी वक्त योग कर सकते हैं, लेकिन खाने के तुरंत बाद न करें। सुबह सूर्योदय के तुरंत बाद या दो घंटे बाद तक कभी भी योग करना लाभकारी है। इस समय वातावरण शांत और स्वच्छ होता है जिससे मानसिक शांति मिलती है।
4- पीरियड्स या प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं पेट के बल लेटकर किए जाने वाले आसन न करें। विषैले तत्त्व दिमाग या फैलोपियन ट्यूब में पहुंच सकते हैं। दर्द होने या चोट लगने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। इन दिनों विशेषज्ञ आसान प्रसव के लिए भी योग कराते हैं।
5- योग के लिए डाइट से जुड़ा कोई नियम या शर्त नहीं है। योग करने वाले शुद्ध शाकाहारी हों यह भी जरूरी नहीं। हालांकि शाकाहार को प्राथमिकता दी जाती है। अंकुरित चीजों को ज्यादा से ज्यादा खाएं। मौसमी फल और सब्जियां खानी चाहिए। एक्सपट्र्स का मानना है कि पेट का आधा हिस्सा भोजन और एक तिहाई भाग पानी से भरा होना चाहिए। बाकी का हिस्सा खाली हो। इससे शरीर फिट और एक्टिव रहता है।
6- योग का मूल नियम है ध्यान। योग में भले ही शारीरिक आसन होते हैं लेकिन भावनात्मक तौर पर भी यह असर करता है। ध्यान से ऊर्जा मिलती है। साथ ही शरीर का संतुलन, सांस की लय व एकाग्रता बढ़ती है।
7- योग व प्राणायाम से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। मांसपेशियां मजबूत और शरीर लचीला होने के साथ ही रक्तसंचार में सुधार होता है। विशेषज्ञ की देखरेख में योग करने से नुकसान की आशंका कम रहती है। किसी की बात सुनकर, वीडियो देखकर या किताब पढ़कर योग करने पर गलती की आशंका ज्यादा रहती है। खाने के तुरंत बाद सिर्फ वज्रासन ही करना ठीक रहता है।