त्वचा और बाल –
बढ़ती उम्र का प्रभाव और देखभाल के अभाव में चेहरे पर आई झुर्रियों को दूर करने के लिए मिट्टी को प्रयोग में ले सकते हैं। इसे थोड़े पानी में भिगोकर चेहरे या शरीर के अन्य बाहरी हिस्से पर लेप की तरह लगा सकते हैं। इससे त्वचा को नमी मिलती है और रक्तसंचार में सुधार होता है।
इन रोगों में फायदा : रूखी त्वचा के अलावा चेहरे पर आए दानें, फुंसियों, कमजोर बाल व रूसी में कारगर है।
तेज दिमाग-
मिट्टी का ठंडा प्रभाव दिमाग को ठंडक पहुंचाकर तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है। इससे दिमागी बुखार में भी लाभ होता है। इसके लिए माथे पर कुछ समय के लिए इसका लेप लगा सकते हैं। दिमाग में यदि गर्मी महसूस होती है तो सिर पर इसे पूरी तरह से लगा सकते हैं।
इन रोगों में फायदा : दिमाग की कमजोरी, तनाव, अवसाद और मूड डिसऑर्डर में यह फायदेमंद है।
अपच –
लेप की तरह थोड़े पानी सहित मिट्टी को शरीर के विभिन्न हिस्सों पर बाहरी रूप से 20-30 मिनट लगाने से शरीर का तापमान सामान्य होता है। इस कारण अपच की समस्या में राहत मिलती है। पेट के निचले भाग में इसे कुछ समय लगाने से पेट की लाइनिंग को ठंडक का अहसास होता है जिससे पाचनतंत्र से जुड़ी समस्या दूर होती है।
इन रोगों में फायदा : पेट के आसपास आराम पहुंचने से कब्ज और दस्त की समस्या में राहत मिलती है। इसके अलावा आंतों में हो रही रुकावट और मरोड़ दूर होती है। विभिन्न तरह के बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से भी बचाव होता है।
सेहतमंद आंखें –
बंद आंखों पर गाढ़ा मिट्टी का लेप ठंडक देने के साथ आराम देता है। कुछ समय निकालकर इस मड थैरेपी को खासतौर पर आंखों के लिए इस्तेमाल करना किसी मेडिटेशन से कम नहीं है। इसके लिए आंखों को अच्छे से बंद कर 10-15 मिनट के लिए इस लेप को लगाएं और इस दौरान बॉडी को रिलैक्स रखें।
इन रोगों में फायदा : कंजक्टिवाइटिस, एलर्जी, खुजली, आंखों में जलन की स्थिति में बेहद फायदेमंद है। साथ ही यह थैरेपी आंखों में तनाव को कम कर ग्लूकोमा रोग से बचाव करती है।