अस्थमा के रोगियों को एक गिलास गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पीना चाहिए। अदरक का रस शहद के साथ लेने से लाभ होता है। एक चम्मच त्रिफला चूर्ण नींबू पानी के साथ लेने से राहत मिलती है। आयुर्वेद में कुछ चूर्ण इस रोग में लाभदायक होते हैं जैसे मुक्तादि चूर्ण, शट्यादि चूर्ण, सितोपलादि चूर्ण और तालीशादी चूर्ण आदि। साथ ही रोगी को धूल, धुएं व एलर्जन पार्टिकल्स से बचना चाहिए।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं इससे अतिरिक्त यूरिक एसिड पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। रोजाना सुबह एलोवेरा का रस पीने से लाभ होता है। आधा किलो सरसों के तेल में 250 ग्राम कर्पूर मिलाकर एक शीशी में भर लें। इसे कुछ दिनों तक धूप में रखने के बाद दर्द वाली जगह पर तेल की मालिश करें।
धूल, धुएं और एलर्जी से बचें, धूम्रपान से दूर रहें, रोजाना सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लक्ष्मी विलास रस (नारदिय) की दो-दो गोलियां खाएं और रात को सोने से पहले षदबिंदु तेल दो-दो बूंद नाक में डालने से भी लाभ होगा। तुलसी, काली मिर्च और नमक की चाय लेने से साइनस में आराम मिलता है। मिर्गी की समस्या होने पर वैद्य की सलाह से लक्षणानुसार स्मृति सागर रस, सारस्वत चूर्ण, महापैशाचिक घृत, अश्वगंधारिष्ट आदि का सेवन करें।