कारण : यह कब्ज, पेट, गैस, जिगर या पित्ताशय में गड़बड़ी, पुराना नजला-जुकाम, गर्दन में रीढ़ की हड्डी के विकार, कान या दांत दर्द से होता है। नसों में खिंचाव, तिल्ली का बढ़ना, सिर में ट्यूमर, मानसिक अशांति व चिंता के कारण भी माइग्रेन होता है।
इलाज : एक्यूप्रेशर में हाथों तथा पैरों के कुछ विशेष केन्द्रों पर हाथ के अंगूठे से दबाव डालकर या मालिश करके कई रोगों को दूर किया जा सकता है। इन केन्द्रों का शरीर के विभिन्न अंगों से सीधा संपर्क होता है। माइग्रेन का उपचार करते समय सर्वप्रथम हाथों और पैरों के अंगूठों के साथ एक-दो मिनट का तथा उसके बाद दोनों हाथों के ऊपर त्रिकोण स्थान पर दो तीन मिनट तक मालिश जैसा दबाव दिया जाता है। रोग की गंभीरता के आधार पर 10-15 दिन ठीक होने में लग सकते हैं।