scriptWaist Exercise: इन आसनों को करने से कमर बनेगी मजबूत और लचीली | Waist Exercise: know about Bharadwajasan and Ardha Matsyendrasana | Patrika News

Waist Exercise: इन आसनों को करने से कमर बनेगी मजबूत और लचीली

locationजयपुरPublished: Jun 24, 2019 03:25:41 pm

Bharadvajasana: Ardha Matsyendrasana: Waist Exercise: भारद्वाजासन (Bharadwajasan): यह आसन भारद्वाज ऋषि के बैठने की अवस्था पर आधारित है। इससे कमर दर्द की समस्या दूर होगी व कमर लचीली भी बनेगी। इससे कमर में कर्व आएंगी व लचीली बनेंगी। अनिद्रा, माइग्रेन और लो ब्लड प्रेशर के अलावा दस्त, डायरिया की दिक्कत में इसे न करें।

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Bharadvajasana: Ardha Matsyendrasana: Waist Exercise: भारद्वाजासन (Bharadwajasan): यह आसन भारद्वाज ऋषि के बैठने की अवस्था पर आधारित है। इससे कमर दर्द की समस्या दूर होगी व कमर लचीली भी बनेगी। इससे कमर में कर्व आएंगी व लचीली बनेंगी। अनिद्रा, माइग्रेन और लो ब्लड प्रेशर के अलावा दस्त, डायरिया की दिक्कत में इसे न करें।

Bharadvajasana: Ardha Matsyendrasana: Waist Exercise: भारद्वाजासन (Bharadvajasana): यह आसन भारद्वाज ऋषि के बैठने की अवस्था पर आधारित है।
विधि: दंडासन (पैरों को सामने व कमर को सीधा कर बैठना) की मुद्रा में बैठें व हथेलियों को जमीन पर रखें। इसके बाद वज्रासन में इस तरह बैठें कि दोनों पैर दाईं या बाईं तरफ आ जाएं। इस दौरान ध्यान रखें कि यदि बाईं तरफ पैरों को ला रहे हैं तो दायां पैर बाएं पैर की जांघ पर हो। पीठ सीधी रखें। यदि दोनों पैर बाईं ओर हैं तो बाएं हाथ को दाएं घुटने पर रखें और दाएं हाथ को पीछे की ओर देखते हुए पीछे जमीन पर टिकाएं। हो सके तो दाएं हाथ से बाएं पैर को छूने की कोशिश करें। इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहने के बाद प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। इससे कमर में कर्व आएंगी व लचीली बनेंगी।
न करें : अनिद्रा, माइग्रेन और लो ब्लड प्रेशर के अलावा दस्त, डायरिया की दिक्कत में इसे न करें।

अर्धमत्स्येंद्रासन (Ardha Matsyendrasana):
अर्धमत्स्येंद्रासन की स्थिति को फिश पोज भी कहते हैं। यह वक्रासन का एक भाग है जिसमें शरीर का ऊपरी हिस्सा आधा घूम जाता है।
विधि: कमर को सीधी कर बैठ जाएं। दाएं पैर के पंजे को कूल्हे के पास लाकर बाएं पैर के पंजे को दाएं घुटने के पीछे खड़ा रखें। गर्दन को बाएं पैर की तरफ से क्षमतानुसार पीछे की ओर ले जाएं। इसके बाद दाएं हाथ से बाएं पैर के पंजे को पकड़ लें। सामान्य सांस लेते रहें। कुछ देर इस अवस्था में बने रहें फिर दूसरी तरफ से दोहराएं। इससे कमर दर्द की समस्या दूर होगी व कमर लचीली भी बनेंगी।
न करें : जिन लोगों को गर्दन और कमर दर्द की समस्या है वे इस आसन को न करें।

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