योग शरीर को लचीला बनाता है। जो मुद्रा शुरू में असंभव लगती है वह अभ्यास के बाद संभव हो जाती है। लचीलेपन के कारण हमें दर्द व पीड़ा से राहत मिलती है।
मांसपेशियां मजबूत होने के साथ इतनी सक्षम भी होनी चाहिए कि हमें गठिया दर्द व बैक पेन से बचाएं। योग मांसपेशियों को लचीला व मजबूत बनाता है।
यह रक्त का प्रवाह बढ़ाता है। योग करने से कोशिकाओं को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। साथ ही यह हीमोग्लोबिन व लाल रक्तकणिकाओं का स्तर भी बढ़ाता है। योग खून के थक्के भी घटाता है। इससे हृदयाघात व स्ट्रोक का खतरा कम करता है।
एक अध्ययन का निष्कर्ष है कि प्राणायाम करने वाले ज्यादा देर कसरत व मेहनत कर सकते हैं।
योग करने से मांसपेशियां खिंचती हैं। इससे शरीर के अंगों के ऊत्तकों में आई सूजन में कमी आती है व शरीर की संक्रमण से लडऩे की क्षमता बढ़ती है और कैंसर कोशिकाएं नष्ट होती हैं।
ब्रिटिश जर्नल लेंसेट के अनुसार तीन माह शवासन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
यह कार्टिसॉल हार्मोन का स्तर घटाता है जिससे हम डिप्रेशन, ऑस्टियोपोरोसिस और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से बचते हैं।
इससे कैलोरी बर्न होती है और मोटापा कम होता है।
यह शरीर में नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाता है। इससे मधुमेह रोगी नियमित योग करके हृदय, किडनी व आंखों से जुड़े रोगों के खतरे को कम कर सकते हैं।
इससे एकाग्रता व याद्दाश्त बढ़ती है साथ ही धैर्य व सहनशीलता में भी इजाफा होता है।
योग से जुड़े कई आसन जैसे प्राणायाम हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। योग करने से फेफड़ों की कार्यप्रणाली सुधारती है।
योग कब्ज मिटाता है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर के विषैले तत्त्व बाहर निकल जाते हैं।