लैला और उसका परिवार मुंबई के इगतपुरी स्थित अपने फॉर्म हाउस पर छुट्टियां बिताने गए थे। लैला के साथ उसकी मां सलीना, पिता परवेज, बहनें जारा और हशमीना और इमरान। ये लोग दो एसयूवी से अपने फॉर्म हाउस पहुंचे।
सफर में थक जाने के कारण इन्होंने दूसरे दिन पार्टी करने की योजना बनाई। शाम होते ही पार्टी का आगाज हो चुका था। सब अपनी मस्ती में मस्त थे। परवेज और सलीना कमरे में बैठे शराब पी रहे थे और बाहर तेज आवाज में म्यूजिक बज रहा था।
परवेज, सलीना का तीसरा पति था। शादी के दो साल बाद पता चला कि उसने सलीना से सिर्फ पैसों के लिए ही शादी की थी। इसय वजह से सलीना भी उसकी असलीयत जान चुकी थी। वहीं लैला दुबई में रहने वाले मुनीर से शादी कर परिवार सहित वहीं शिफ्ट होने की योजना बना रही थी। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई थी लेकिन वे लोग परवेज को साथ नहीं ले जाना चाहते थे। परवेज को इस बात की भनक लग गई थी।
इसी दौरान सलीना अपने पूर्व पति आसिफ के फिर से नजदीक आ गई। आसिफ पेशे से बिल्डर था। सलीना अपने फॉर्महाउस का भी सौदा करने जा रही थी। इस काम में आसिफ उसकी मदद कर रहा था।
परवेज और सलीना फॉर्म हाउस के कमरे में बैठकर शराब पी रहे थे। इस दौरान आसिफ से नजदीकी और बिना परवेज के दुबई शिफ्ट होने की बात पर उनके बीच बहस हो गई। परवेज ने लौहे की रॉड से सलीना के सिर पर वार कर दिया और एक तेज चीख के साथ सलीना वहीं ढेर हो गई। सलीना की चीख सुनकर इमरान और जारा अपनी मां के कमरे की तरफ पहुंचे तो पीछे से शाकिर ने इमरान के सिर पर वार किया। साथ ही जारा को भी रॉड से हमला कर मार दिया। चीखें सुनकर लैला और उसकी दोनों बहनें वहां पहुंची तो परवेज और शाकिर ने मिलकर उन पर भी वैसे ही हमले कर सबको मार दिया।
किसी को कोई खबर नहीं थी कि लैला और उसका पूरा परिवार कहां गायब हो गया। डेढ़ साल बाद इस हत्याकांड का राज खुला। जुलाई 2012 में परवेज जब एक धोखेबाजी के मामले में पकड़ा गया तब उससे पूछताछ हुई तो उसने लैला और उसके परिवार को मार डालने का जुर्म कबूल किया।