एक्टिंग के लिए दुनिया से कटने की जरुरत नहीं
आलिया ने फि ल्म में अपने रोल की तैयारी के बारे में बताया, ‘मुझे एक प्रोसेस की तरह एक्टिंग करना पसंद नहीं है। एक्टिंग एक फीलिंग की तरह है। किसी रोल को करने के लिए दुनिया से कटने की क्या जरूरत है? अगर आप रोल को लेकर सीरियस हैं, तो आप अपने आप ही उसे अच्छा करते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप कैमरे के आगे ही अच्छा परफॉर्म कीजिए। हालांकि यह मुश्किल होता है, लेकिन मैं ऐसा ही करने की कोशिश करती हूं।’
बिना स्क्रिप्ट सुने भरी हामी
आलिया ने बताया, ‘मैं जब इस फिल्म के सिलसिले में, मैं पहली बार मेघना से मिली, तो उस वक्त उनके पास फिल्म की स्क्रिप्ट भी नहीं थी। दरअसल, मेघना मुझे दिमाग में रखकर स्क्रिप्ट लिखना चाहती थीं। मैं मेघना के मुंह से यह कहानी सुनकर हैरान थी कि ऐसा भी हुआ था और यह एक सच्ची कहानी है। एक ऐसी लड़की जिसे जासूसी के बारे में कुछ नहीं पता है और तो और महज 20 साल की उम्र में उसे अपनी जिंदगी के बारे में भी कुछ नहीं पता है। वह पाकिस्तान पहुंच जाती है और सबसे बड़ी बात कि वह अपनी मर्जी से जाती है। इसलिए इस फि ल्म का टाइटल ‘राजी’ भी बेहद अहम है, क्योंकि वह खुद ऐसा करने के लिए राजी हुई थी और उसे ऐसा करने के लिए फोर्स नहीं किया गया था। आमतौर पर मैं अपनी फिल्मों के लिए हां उनकी स्क्रिप्ट पढऩे के बाद ही करती हूं, लेकिन इस फि ल्म के लिए मैंने बगैर स्क्रिप्ट के ही हां कर दिया था। मैंने मेघना को बोल दिया था कि मुझे किसी भी तरह यह फिल्म करनी है। मैं इसके लिए अपनी डेट्स भी अजस्ट करने को तैयार हूं।’
आलिया की लाइफ का राजी (सहमत) जैसा पल
आलिया ने कहा, ‘अभी तक मेरी जिंदगी में देश के लिए कोई ‘सहमत’ मोमेंट नहीं आया। किसी ने मुझे कभी ऐसा कुछ करने को कहा भी नहीं है कि मुझे अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर देश की खातिर कोई टास्क पूरा करना है। मुझे लगता भी नहीं है कि आज की पीढ़ी में वह बात है कि कोई अपने देश के लिए जान दांव पर लगा दे। इसलिए ही हमने यह फि ल्म बनाई है, ताकि लोगों को यह पता लगे कि इस तरह की भी कुर्बार्नी होती है, जो कि सिर्फ और सिर्फ देश के लिए है। ‘
फिल्म रिलीज के समय लगता है डर
आलिया ने बताया कि उन्हें फि ल्में साइन करते वक्त डर नहीं लगता बल्कि जब मूवी रिलीज होने के करीब होती है तब वो डरना शुरू कर देती हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे डर सिर्फ फि ल्म की रिलीज के दौरान लगता है। आजकल वह डर वाला पीरियड चालू हो गया है, क्योंकि ‘राजी’ इसी हफ्ते रिलीज हो रही है। वरना अगर मैं फिल्म साइन करते वक्त डरूंगी, तो फिर शायद मैं अच्छी फिल्में न कर पाऊं। मैं फि ल्म को सिर्फ कैरक्टर के आधार पर सलेक्ट करती हूं, न कि इसे कितनी ओपनिंग मिलेगी टाइप की चीजें सोचकर और अगर मैंने एक बार फिल्म साइन कर ली तो मैं फिर उसे लेकर अफसोस नहीं करती। मेरी अभी तक सिर्फ एक फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। मुझे उस फिल्म को करने का भी कोई अफ सोस नहीं है। मैं हर फिल्म एक अच्छी वजह से चुनती हूं। कई बार वह अच्छी चल सकती है और कई बार नहीं भी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अगर फिल्म नहीं चली तो आप उसे अपने जेहन से ही निकाल दें।’