इसी बात के कारण सभी छात्र इस बात का विरोध कर रहे हैं। हाल में एफटीआईआई के छात्र ने देश में असहिष्णुता को लेकर बहस के दौरान खेर द्वारा दिए गए बयानों तथा सरकार के कुछ विचारों का प्रचार करने की उनकी कोशिशों पर भी आपत्ति जताई। हालांकि उसने साफ किया कि जहां तक खेर की योग्यता एवं साख की बात है, उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
इस बारे में जब एफएसए के अध्यक्ष रॉबिन जॉय से बात की गई तो उन्होंने बताया की,- जहां तक खेर की योग्यता एवं साख की बात है, कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन क्योंकि वह मुंबई में अपना खुद का अभिनय प्रशिक्षण संस्थान (एक्टर प्रिपेयर्स) चलाते हैं और अब उन्हें एक सरकारी संस्थान का नेतृत्व करने का जिम्मा सौंपा गया है जिससे यकीनन हितों का टकराव होता है। सवाल यह है कि एक निजी उपक्रम का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को कैसे किसी सरकारी संस्थान का नेतृत्व करने के लिए कहा जा सकता है।
इसके अलावा जब इस बारे में पूर्व अध्यक्ष गजेंद्र चौहान से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मुंबई से फोन पर आईएएनएस को बताया की,-मैं उनके लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं और मैं जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं। क्या होता है कि जब किसी को पद दिया जाता है, तो इसके पीछे बहुत सारे विकल्प होते हैं। मुझे विभिन्न विकल्पों के लिए नियुक्त किया गया था। मेरे काम को बहुत से लोगों द्वारा नहीं देखा गया। एफटीआईआई में, एक अच्छे अभिनेता की तुलना में अच्छे व्यवस्थापक की जरूरत है।
साथ ही उन्होंने कहा की,-उन्हें काफी अनुभव है और वे मुंबई में अपना खुद का (एक्टिंग) इंस्टीट्यूट (एक्टर) चलाते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि वह इसे अच्छी तरह से संभाल पाएंगे। मैं अनुपम जी को शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे सभी काम पूरे करेंगे, जो मेरी अध्यक्षता खत्म होने के कारण मुझसे छूट गए हैं। चौहान को 2014 में संस्थान का प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन विरोध के चलते वह जनवरी 2016 में प्रभार ले सके थे। चौहान एक प्रसिद्ध फिल्म और टेलीविजन व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने जनवरी 2016 में पहली बार एफटीआईआई कैंपस में प्रवेश करते हुए गवर्निग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की थी। उनकी नियुक्ति के बाद एफटीआईआई छात्रों और पूर्व छात्रों के भारी विरोध और 139 दिनों की हड़ताल के बाद उन्हें पद से हटाने की मांग की गई थी। चौहान, जो खुद को बहुत सारी प्रशासनिक योग्यताएं वाला व्यक्ति कहते हैं, ने जोर देकर कहा कि उन्हें मीडिया के एक वर्ग द्वारा छोटा दिखाया गया है।उन्होंने कहा, मैंने 22 वर्षो तक सिनेमा और टेलीविजन आर्टिस्ट एसोसिएशन के प्रशासन का संचालन किया है, इसीलिए मैं अपने कार्यकाल के दौरान बहुत सारे काम करने में सक्षम था। संसद में प्रस्तुत सीएजी की रपट में एक पंक्ति है, एफटीआईआई में सर्वश्रेष्ठ काम गजेन्द्र चौहान की अध्यक्षता में किया गया था। यह मेरे काम का प्रमाणीकरण जैसा है। मुझे और क्या चाहिए?