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Bellbottom Movie Review: कोरोना की दूसरी लहर के बाद सिनेमा का श्रीगणेश, ‘बेलबॉटम’ बनकर परदे पर उतरे अक्षय कुमार

आज सिनेमा हॉल्स में अक्षय कुमार स्टारर फिल्म बेलबॉटम रिलीज हो गई है। कोरोना महामारी दौर कि ये पहली फिल्म है जो सिनेमा हॉल्स में रिलीज हई है। इस फिल्म का लुफ्त 2D और 3D फॉर्मेंट में लिया जा सकता है।

Aug 19, 2021 / 11:14 am

Shalu Saini

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कोरोना काल के चलते उजड़े पड़े सिनेमा हॉल्स में अक्षय कुमार स्टारर बेल बॉटम एक नई बाहर लेकर आई है, यानी कि आज सिनेमाघरों में अक्षय कुमार की फिल्म बेल बॉटम रिलीज हो गई है। कोरोना महामारी के हालातों में ढ़ील पड़ता देख और साथ ही लॉकडाउन के नियमों के मद्देनजर सिनेमा हॉल में इस फिल्म को रिलीज करने का फैसला लिया गया है, यह कितना बड़ा रिस्क साबित हो सकता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन बड़े ही निराले अंदाज में अक्षय कुमार ने बेल बॉटम के जरिए बड़े पर्दे पर एंट्री मारी है। अक्षय कुमार की फिल्म बेलबॉटम हमें 70 से 80 के उस दौर की याद दिलाती है जहां जानी-मानी हस्तियां फैली हुई ट्राउजर्स पहनती थी। अक्षय कुमार ने इस फिल्म में एक रॉ-एजेंट का काम किया है, जिसका कोड नेम बेलबॉटम होता है।
अब आते है फिल्म कि कहानी पर, ये फिल्म 80 के दशक में लगातार हुए प्लेन हाइजैक पर आधारित है, जिसमें अक्षय कुमार एक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) अंडरकवर एजेंट की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। वहीं जब प्लेन को हाइजैक कर उसे अमृतसर में लैंड किया जाता है, जिसके बाद आती है बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय की भूमिका। जैसे की अक्षय कुमार कि कई फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित होती है ठीक उसी तरह रंजीत तिवारी के निर्देशन में बनी बैलबॉटम भी है, जिसमें ना सिर्फ एक बल्कि दो घटनाओं पर फोक्स किया गया है। ये घटनाएं तब कि है जब देश की बागडोर इंदिरा गांधी के हाथों में थी। कोरोना महामारी के बीच इस फिल्म को भारत और स्कॉटलैंड में शूट किया गया है।
एक बात को है सीधी साधी चीजों को कॉम्लेक्स करने में बॉलीवुड कभी पीछे नहीं हटता क्योंकि उसने ऐसा नहीं किया तो फिल्म देखेगा कौन ? वहीं बात करें बेल बॉटम की कहानी तो ये इंदिरा गांधी शासनकाल के दौरान की है। जब एक के बाद एक प्लान को आतंकियों द्वारा हाईजैक कर लिया जाता है, जिसको भारत छुड़ाने की कोशिश करता है,लेकिन इसी बीच एक और हाईजैक हो जाता है जिसके बाद राजनीतिक पार्टियां नेगोशिएशन करने का सुझाव देती है। राजनीतिक पार्टियों के नेगोशिएशन के बीच एंट्री होती है रॉ एजेंट बेल बॉटम की जो इन मामलों का एक्सपोर्ट माना जाता है। रॉ एजेंट पीएम से नेगोशिएशन को इंकार करने की रिक्वेस्ट करता है और अपना एक मिशन चालू करता है, जिसमें वह बंधकों को बचाता है और आतंकियों को पकड़ता है और ये सब करने के लिए उसके पास महज 7 घंटे ही होते हैं।
इस फिल्म में अक्षय कुमार अपने पुराने अंदाज में नजर आए हैं क्योंकि इस फिल्म का जॉनर स्पाई थ्रिलर ड्रामा है, जिसमें अक्षय कुमार काफी फिट बैठते हैं। इस फिल्म में स्पाई का सीरियस स्टाइलिश कैरेक्टर से लेकर 1 लाइन ह्युमर, दिल को छू लेने वाले गाने और उन गानों में खूबसूरत दृश्य परोसा गया है, जो फिल्म को और ज्यादा खास बनाता है। गौरतलब है कि इस फिल्म को सच्ची घटनाओं पर बनाया गया है लेकिन दर्शकों के मनोरंजन का भी पूरा ध्यान दिया गया है। इस फिल्म को सिनेमाघर के हिसाब से ही बनाया गया है तभी इसे 2D और 3डी दोनों फॉर्मेट में देखा जा सकता हैं, वहीं अगर इस फिल्म के क्लाइमेक्स को 3डी में देखा जाएगा तो आप अक्षय कुमार की जोरदार परफॉरमेंस देख उनके दीवाने हो जाएंगे।
अक्षय कुमार की स्पाई थ्रिलर फिल्म में कई सस्पेंस सीन है, लेकिन उसको आप पहले ही उन्हें समझ जाएंगे, क्योंकि इस जॉनर की फिल्में अक्सर बॉलीवुड में बनती रहती है और लोग ऐसी फिल्में पसंद भी काफी करते हैं। तो ऐसे में कुछ सस्पेंस सीन को दर्शक आसानी से पकड़ लेंगे और उसका पूरा थ्रिल खराब कर लेंगे। वही एक सीन में अक्षय को पहली पता चल जाता है कि 4 आतंकी कहां है, जो उसके सस्पेंस को पूरा खत्म ही कर देता है। फिल्म की पूरी कहानी रॉ एजेंट के इर्द-गिर्द ही घूमती है जो इसे थोड़ा बोरिंग बनाती है और ये दर्शकों को खटक सकता हैं। इस फिल्म को बनाने के पीछे दर्शकों को इंटरटेन करना है जो यह बखूबी करती है। वहीं फिल्मी में अक्षय कुमार के सींस के साथ बैकग्राउंड स्कोर इसमें और जान डाल देते है।
वहीं इस फिल्म में अक्षय कुमार के साथ ही लारा दत्ता, वाणी कपूर, हुमा कुरैशी भी नजर आती है। जिनके एक्टिंग की बात करें तो तीनों ने ही अपने किरदारों में जान डालने का काम किया है पर यह तीनों ही पर्दे पर कुछ कुछ समय के लिए ही दिखाई पड़ती है। वहीं लारा दत्ता अपने मेकअप को लेकर सबसे ज्यादा लाइट बटोर चुकी है और एक्टिंग में भी वह कोई कसर नहीं छोड़ती है। वाणी कपूर जो कि अक्षय कुमार का लव इंटरेस्ट का रोल निभा रही हैं उनका किरदार भी बहुत ज्यादा स्ट्रांग नहीं है, वही हुमा भी काफी नार्मल किरदार में ही नजर आई हैं। वहीं इस फिल्म की कहानी, स्क्रीनप्ले, डायरेक्शन, म्युजिक, डायलॉग को हम अपनी तरफ से 3 स्टार देते है।

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