महिलाओं को महत्तव मिल रहा है
साथ ही एक्ट्रेस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं इस मायने में बेहद खुशकिस्मत हूं। जिस किस्म का महत्व आज महिलाओं को मिल रहा है, वह पहले कभी नहीं मिला। शायद यही वजह है कि आज महिला प्रधान फिल्में ज्यादा बन रही हैं। यह एक बड़ा बदलाव है। फिल्म इंडस्ट्री अब बेहद प्रोफेशनल हो चुकी है।’
भूमि ने बॉलीवुड फिल्मों के बारे में कहा, ‘फिल्म बनाने वाले अब यह समझ चुके हैं कि अच्छी कहानियों का कोई विकल्प नहीं है। आपको दर्शकों के लिए ऐसी कहानियां और किरदार तलाशने ही होंगे, जो लंबे समय तक याद रखे जा सकें। औसत फिल्मों का दौर अब जा चुका है। हां, कुछेक अपवाद हो सकते हैं कि औसत फिल्में भी अच्छी कमाई कर लेती हैं, लेकिन अब ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं होता। अब गुणवत्ता का स्तर बहुत ऊपर जा चुका है।’
दिल की आवाज सुनती हूं
भूमि अपनी फिल्मों के चयन में काफी सवधानी बरतती हैं। अब तक उन्होंने ऐसी किसी भी फिल्म में काम नहीं किया, जिसमें उनका किरदार कमजोर रहा हो। फिल्म के चयन पर उन्होंने कहा, ‘मैं बस स्क्रिप्ट पढ़ती हूं और अपने दिल की आवाज सुनती हूं। मुझे पता लग जाता है कि किस फिल्म में काम करना है और किस में नहीं। इस बात से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म का निर्देशक कौन है। मुझे ऐसे कई निर्देशकों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला, जो बेहद प्रतिभाशाली हैं और जिनकी पहली फिल्म का प्रस्ताव मुझे मिला था। मुझे प्रयोग करते रहना पसंद है।’