हाई कोर्ट ने बीएमसी की तरफ सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने जज ने ये भी कहा है कि मॉनसून के सीजन में किसी इमारत को इस तरह तोड़कर छोड़ा नहीं जाता है। अब 25 सितंबर को बीएमसी अपना पक्ष कोर्ट में रख सकती है। बता दें कि कंगना का ऑफिस जब तोड़ा गया (Kangana office demolished) था तब वो मुंबई भी नहीं पहुंची थी। ऑफिस की हालत देखने के बाद उन्होंने 9 सितंबर को ही हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई को अवैध बताया था, साथ ही दो करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग भी की है।
बीएमसी द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया था कि कंगना की याचिका खारिज करते हुए उनसे जुर्माना लिया जाना चाहिए। बीएमसी ने उनकी याचिका को निराधार बताते हुए कहा था कि याचिका में मांगी गई राहत कानूनी प्रक्रिया का दुरुप्रयोग करती है। वहीं हाल ही में शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा था कि मेरे लिए अदालती मुकदमे कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा था कि नगर निकाय को अवैध निर्माण तोड़ने का पूरा अधिकार है। हम कानून का सम्मान करते हैं और अदालत में लड़ाई लड़ेंगे। वहीं संजय ने ड्रग रैकेट में नाम आने पर बॉलीवुड का भी बचाव किया।