कंपोजिशंस सुनने के बाद हेमा ने एलबम की अहमियत समझी। वे आगे कहती हैं, ‘
पंडित जसराज, हरि प्रसाद, राजन साजन और शिव कुमार शर्मा जैसे दिग्गजों की कंपोजिशंस गाना बहुत बड़ी बात है। इस वजह से मुझ पर काफी प्रेशर भी था। मुझे इन सभी भजनों का मूड, सिचुएशन और रिदम को ध्यान में रखते हुए इन्हें गाना था क्योंकि इस लिहाज से सभी कंपोजिशंस अलग-अलग थीं।’
हेमा मालिनी अपने काम को लेकर हमेशा प्रोफेशनल रही हैं। एलबम के लिए उन्होंने गुरुजी गगन सिंह के सान्निध्य में करीब 6 महीने रियाज किया। कभी-कभी तो फ्लाइट्स तक में रियाज किया।
हर भजन से पहले भजन की सिचुएशन के हिसाब से ब्रज भाषा में बोल हैं, जिन्हें लिखने के लिए
हेमा मालिनी ने मरहूम गीतकार-संगीतकार रवींद्र जैन से अनुरोध किया था। ‘दादा मुझे बेहद पसंद करते थे, और यह शायद उनकी अंतिम रचना थी। हर भजन से पहले मैंने गाने की सिचुएशन बताने के लिए बोल बोले हैं।’ कहते हुए हेमा भावुक हो गईं।
नारायण अग्रवाल कृष्ण-भक्त हैं और वे हेमा से भजन गवाना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘मैंने कुछ सालों पहले उन्हें ‘सौंदर्य लहरी’ एलबम में संस्कृत में गाते सुना था, इसलिए जानता था कि वे अच्छा गाएंगी। उनके संस्कृत के उच्चारण एकदम सही हैं और यह किसी भी गाने के लिए जरूरी है। पर हेमाजी 8 भजन गाने को तैयार नहीं थीं क्योंकि उन्हें रिकार्डिंग से पहले रिहर्सल के लिए पर्याप्त समय चाहिए था और फिल्म और राजनीति के कामों के चलते उनके पास समय नहीं था। पर मैंने कोशिश जारी रखी। उन्हें राजी करना मुश्किल था, पर अंतत: वे तैयार हो गईं।’
इससे पहले हेमा ने 1977 में
किशोर कुमार के साथ बंगाली एलबम ‘गुन गुन कोरे जे मोन’ के लिए एक चार्टबस्टर गाना गाया था, जो उस समय दुर्गा पूजा पर रिलीज हुआ था। पिछले साल बाबुल सुप्रियो के एक म्यूजिक वीडियो के लिए भी
हेमा मालिनी ने बाबुल के साथ ‘अजी सुनिए जरा’ गाया था।
‘गोपाला को समर्पण’ 1.
पंडित जसराज की कंपोजिशन कृष्ण की प्रीत।
2. पंडित हरि प्रसाद चौरसिया की कंपोजिशन ना राधा ना मीरा।
3. पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की कंपोजिशन पलना झूले नंद गोपाल।
4. शिव कुमार की कंपोजिशन नंदलाल ब्रजपाल।
5. राजन साजन मिश्रा की कंपोजिशन प्रेम कमल।
6. शिव कुमार शर्मा की कंपोजिशन कर कमलन में।
7.राजन साजन मिश्रा की कंपोजिशन नैनों की तुम।
8.
पंडित जसराज की कंपोजिशन ऐसन रीझी मैं।