एक के बाद एक फिल्में हुई फ्लॉप:
सतीश का Boney Kapoor के परिवार से काफी गहरी दोस्ती है। उन्होंने ताउम्र Sridebvi को ‘मैडम’ कह कर ही पुकारा। सतीश की फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ अपने समय की सबसे महंगी फिल्म थी। वहीं, इस फिल्म में काम कर रहे सभी स्टारकास्ट उस समय के सुपरस्टार्स थे। इसके बावजूद यह फिल्म फ्लॉप हो गई। यही नहीं उनकी अगली फिल्म ‘प्रेम’ भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई। लगातार कई फ्लॉप फिल्में देने के बाद सतीश के नाम से साथ ‘बैडलक’ शब्द जुड़ गया था और बतौर डायरेक्टर उनका कॅरियर अंत की कगार पर था।
आत्महत्या करने की करी थी कोशिश:
कई फिल्में फ्लॉप होने के बाद सतीश पूरी तरह से डिप्रेशन में आ गए थे। इसी के चलते उन्होंने खुदकुशी करने की कोशिश की थी। इस बात का खुलासा खुद सतीश ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। उन्होंने बताया था कि वह किस तरह एक बिल्डिंग से कूदने की स्थिति तक पहुंच गये थे, लेकिन फिर उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। यही नहीं सतीश ने ये भी बताया था कि अनिल कपूर उनके सच्चे दोस्त हैं। अनिल ने बुरे वक्त में सतीश का पूरा साथ दिया। खुद कौशिक कई बार अनिल कपूर का धन्यवाद कर चुके हैं कि बुरे समय में उन्होंने साथ दिया। कई फ्लॉप फिल्में देने के बाद भी अनिल कपूर ने ही उन्हें ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ का डायरेक्शन ऑफर किया और उस फिल्म से उनके जीवन में अच्छा समय आया।