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जयपुर

खबर का असर ..अब हटेंगे मेहमां कुरजां की उड़ान में बाधक बिजली के तार

विश्व पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाने वाले जोधपुर जिले के फलोदी स्थित
खींचन के चुग्गाघर के पास प्रवासी पक्षी कुरजां की उड़ान के दौरान
पक्षियों के लिए जानलेवा बनी बिजली की लाईन को हटाने की तैयारियां शुरू हो
गई है।

जयपुरJan 31, 2016 / 10:57 am

Nidhi Mishra

विश्व पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाने वाले जोधपुर जिले के फलोदी स्थित खींचन के चुग्गाघर के पास प्रवासी पक्षी कुरजां की उड़ान के दौरान पक्षियों के लिए जानलेवा बनी बिजली की लाईन को हटाने की तैयारियां शुरू हो गई है।

राजस्थान पत्रिका में प्रवासी पक्षियों की लगातार मौत को लेकर 24 जनवरी को Óप्रशासनिक बेपरवाही से मर रहे परिन्देÓ शीर्षक से प्रकाशित समाचार के बाद डिस्कॉम व वनविभाग की फाइलों पर जमी धूल की परत हटानी शुरू की। फाइलों की धूल हटी तो पता चला कि डिस्कॉम ने बिजली की केबल हटाने के लिए वर्ष 2008 में एक एनजीओ को पत्र भेजकर इतिश्री कर ली थी।

जनवरी के अंतिम सप्ताह तक क्षेत्र में 20 से 25 हजार से अधिक कुरजां ने पड़ाव डाल रखा है। विधानसभा के चतुर्थ सत्र में खींचन पक्षी चुग्गाघर के पास भूमिगत केबल लाईन हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली भी लेकिन डिस्कॉम अधिकारियों ने एक निजी स्वयंसेवी संस्था से करीब 8.82 लाख की राशि जमा करवाने के लिए पत्र लिखकर इतिश्री कर ली थी।

उल्लेखनीय है कुरजां चुग्गाघर से विजयसागर तालाब तक हाइटेंशन लाइन की चपेट में आकर अकेले खींचन में प्रतिवर्ष औसतन 20 से 25 पक्षी घायल होते है। इस बाबत राजस्थान पत्रिका लगातार वन व डिस्कॉम अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करता रहा है। संभाग के मुख्य वन संरक्षक जीके भारद्वाज नेमामले को गंभीरता से लेते हुए उपवन संरक्षक वन्यजीव जोधपुर को इस बाबत आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

डिस्कॉम से मांगा विस्तृत प्राक्कलन
उपवन संरक्षक वन्यजीव एमएस राठौड़ ने बताया कि अधिशाषी अभियंता फलोदी व निदेशक डिस्कॉम जोधपुर को वन विभाग की ओर से 29 जनवरी को प्रेषित पत्र में जिले के खींचन में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए ओवरहेड इलेक्ट्रीक लाईन को अंडरग्राउण्ड केबल में परिवर्तन के लिए विस्तृत प्राक्कलन प्रेषित करने को कहा गया है।

पत्र में 15 सितम्बर 2008 को डिस्कॉम चीफ इंजीनियर की ओर से प्रेषित पत्र की प्रतिछाया भी भेजी गई है जिसमें खींचन चुग्गाघर के पास भूमिगत केबल के लिए खर्च की जाने वाली राशि में से आधी राशि वहन करने की बात कही थी।

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