फिल्मों के प्रति उदासीन थे गांधी:
महात्मा गांधी को फिल्मों से ज्यादा लगाव नहीं था। हालांकि कई फिल्मकारों ने उनको फिल्मों की ताकत और समाज पर होने वाले इसके सकारात्मक प्रभाव के बारे में समझाने की कोशिश की, लेकिन वे फिल्मों के प्रति उदासीन रहें।
पूरे जीवन में देखी एकमात्र फिल्म:
अपने जीवन में गांधी ने जो एकमात्र फिल्म देखी, वो थी ‘राम राज्य’। यह फिल्म वर्ष 1943 में रिलीज हुई थी। बता दें कि गांधी भारत में राम राज्य की बातें किया करते थे और उनसे प्रभावित होकर ही निर्देशक विजय भट्ट ने यह फिल्म बनाई थी। ‘राम राज्य’ फिल्म को साल 1944 में खास महात्मा गांधी को दिखाने के लिए चुना गया। कई निर्माताओं को उम्मीद थी कि इस फिल्म के बाद उनका फिल्मों के प्रति नजरिया बदलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पत्रकार रशीद किदवई की किताब में भी फिल्मों के प्रति महात्मा गांधी की उदासीनता का जिक्र है। उन्होंने अपनी किताब में लिखा हैं कि 1927 में भारतीय सिनेमा के 25 साल पूरे होने के अवसर पर महात्मा गांधी से उनकी शुभकामना संदेश के लिए पत्र भेजा गया। इस पर गांधी जी के सचिव महादेव देसाई ने जवाब देते हुए लिखा कि महात्मा गांधी को फिल्मों में रूचि नहीं है, उनसे इस मामले में कोई राय नहीं मांगी जानी चाहिए।