कहानी: ‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’की कहानी मुंबई के झुग्गियों में रहनेवाले एक बच्चे के इर्द गिर्द घूमती है। वह अपने इलाके में शौच की सुविधा न होने के कारण परेशान होता है। जिस तरह से उनके इलाके में शौचालय न होने के कारण लोगों को खासतौर पर महिलाओं को शौच जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ये बात उस बच्चे के मन को व्यथित करती है। एक दिन शौच से लौटते समय उस बच्चे की मां का बलात्कार हो जाता है। इस घटना का असर सिर्फ मां पर ही नहीं बल्कि उसके बच्चे के दिलो-दिमाग पर भी पड़ता है। बचपने और मासूमियत से भरा वो बच्चा अपने इलाके में शौचालय बनवाने की जिद्द पकड़ बैठता है। इसके लिए वो कई कोशिशें करता है ताकि अंत में वो अपनी मां को खुश देख सके। वो बच्चा इस सपने को पूरा करने के लिए नगरपालिका ऑफिस जाता है जहां उससे कहा जाता है कि उसे अपनी बात पत्र द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचानी होगी। जिसके बाद वो बच्चा निकल पड़ता है इस सफर पर और पीएम ऑफिस में जाकर किसी तरह से अपनी अर्जी देता है।
एक्टिंग: इस फिल्म में बाल कलाकार ओम कनोजिया ने बच्चे कान्हू का किरदार निभाया है। फिल्म में उनके डायलॉग्स और एक्सप्रेशन्स बढ़िया हैं। मां का किरदार निभा रहीं अंजलि पाटिल की एक्टिंग भी बेहतरीन है। इसी के साथ फिल्म में मकरंद देशपांडे भी अपने भूमिका के साथ न्याय करते दिखे। फिल्म में वह स्थानीय निवासी की भूमिका में हैं।
म्यूजिक: अपने शानदार म्यूजिक के लिए जाने-जाने वाले शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी ने इस फिल्म में भी म्यूजिक पर अच्छा काम किया है।