‘हमारे पास दवाईयों के लिए पैसे नहीं थे’
दरअसल, जब होस्ट सचिन ने नाना पाटेकर से उनके पिता के बारे में पूछा तो जवाब देते हुए एक्टर इमोशन हो गए। अभिनेता ने बताया,’मेरे पिता को ड्रामा और सिनेमा का बहुत शौक था। हालांकि वे मुझे शोज में लेकर नहीं जाते थे। वे कहते थे कि तुम खुद आओ और देखो कि कलाकार कैसे परफॉर्म करते हैं। उनके अंतिम दिनों में, वे बहुत बीमार थे और मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। दुर्भाग्य से पिता को म्यूनिसिपल हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। हमारे पास दवाईयों के लिए पैसे नहीं थे। उस समय मेरे पिता जनरल वार्ड में थे।’
दिलीप कुमार की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं होने से दुखी नाना पाटेकर, कहा-जिंदगीभर खलेगा ये पल
पिता को अंकल कहकर पुकारते थे नाना
नाना पाटेकर ने आगे बताया,’जब वे बीमार थे, तब मेरा नाटक ‘महासागर’ चल रहा था, उन्होंने केवल शुरूआत देखी थी। इसलिए मैंने मेरे अंकल को आकर देखने के लिए बोला। मैं अपने पिता को अंकल बोलता था। उन्होंने मना कर दिया। बोले, पिछली बार मैं देखने गया था और मेरा चश्मा गिर गया था। लेकिन मैंने उनको बुरा लगे, इसलिए नहीं बोला था। वे सीढ़िया चढ़ना नहीं चाहते थे। मैं उनको शिवजी मंदिर ले गया। मैंने यह प्रयोग केवल अपने पिता के लिए किया। इसके बाद वे शायद कुछ नहीं देख पाए। मैं पिता को कुछ नहीं दे पाया।’
आशा भोसले ने नीना गुप्ता के पति विवियन को बताया था नाना पाटेकर की कॉपी, यूं दिया था एक्ट्रेस ने रिएक्शन
शो के बाद किया पिता का अंतिम संस्कार
एक अन्य इंटरव्यू में नाना पाटेकर ने बताया था कि जब नाटक ‘महासागर’ के दौरान उनके पिताजी की तबीयत खराब थी, लेकिेन पैसे के जुगाड़ के लिए नाटक में जाना जरूरी था। उस दिन नाटक के तीन शो रखे गए थे। तभी अचानक मालूम चला कि उनके पिता नहीं रहे। नाटक को कैंसिल करने की बात हुई, लेकिन इससे सबका नुकसान होता। इस पर नाना ने खुद कहा कि नाटक जरूर होगा। एक शो पूरा कर नाना अपने कलाकार साथियों के साथ अस्पताल गए और अंतिम संस्कार किया। फिर वापस आकर ‘महासागर’ के दो और शोज किए।