रामानंद सागर ने 32 लघु कथाएं, 4 कहानियां एक उपन्यास और दो नाटक लिखे, 1987 में फिल्मों से अलग हटकर रामानंद ने रामायण का निर्माण किया। यह टीवी सीरियल जहां 80 के दशक में दर्शकों द्वारा बेहद पसंद की गई थी, वही lockdown के दौरान 21वीं सदी में भी देशवासियों द्वारा जमकर पसंद की जा रही है।
रामानंद सागर पढ़ने लिखने के काफी शौकीन थे , ऐसे में उन्हें ने टीवी की बीमारी हो जाने के बाद भी उपचार के दौरान उन्होंने डायरी लिखी। जिसे पढ़कर एक संपादक ने काफी पसंद किया , रामानंद सागर को टीवी की बीमारी थी इस बात की जानकारी उन्हें काफी समय बाद हुई, रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने बताया उन्हें लिखने पढ़ने का बहुत शौक था , अचानक उन्हें एक दिन खांसी आई और कपड़ों पर खून नजर आया, तब पता चला कि उन्हें टीवी है। ऐसे में जब उन्हें भर्ती किया तो उन्होंने देखा कि वहां पर कहीं टीवी के मरीज आते तो उपचार कराने के लिए थे लेकिन वहां से उनकी लाज ही वापस निकलती थी क्योंकि उस समय उपचार के भी सुविधाएं बराबर नहीं हुआ करती थी।
उन्होंने जब वहां एक कपल को देखा जो एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे , वे एक दिन वहां से स्वस्थ होकर निकले तो वे आश्चर्यचकित रह गए। उन्हें एहसास हुआ कि प्यार किसी भी बीमारी को मात दे सकता है। बस उस दिन से उन्होंने रोज डायरी लिखना शुरू किया।जिसका नाम था मौत के बिस्तर से डायरी।