दरअसल, सलिल चौधरी ने लेजेंड्री एक्टर दिलीप कुमार से भी गाना गवाया था। हैरान करने वाली बात यह है कि इस गीत को गाने से पहले दिलीप कुमार को ब्रांडी के तीन पेग लगाने पड़े थे। इस किस्से का जिक्र यतींद्र मिश्रा द्वारा लिखी गई बुक ‘लता सुर गाथा’ में खुद स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ( Lata Mangeshkar ) ने बयां किया था।
फिल्म ‘मुसाफिर’ के लिए एक गाना रिकॉर्ड किया जाना था। इसे याद करते हुए लता जी ने बताया था, ‘जब भी दिलीप साहब गाना शुरू करते थे, तो उनकी आंखें बंद हो जाती थीं। वो इससे बेखबर हो जाते की कब रुकना है और कब गाना है। मुझे याद है इस गाने को गाने के लिए उन्हें ब्रांडी का सहारा लेना पड़ा था। वो आंखें बंद कर जोर-जोर से आलाप गाते थे। उनसे तालमेल बिठाकर गाना बहुत मुश्किल था। सलिल दा न होते मैं गाना कंप्लीट ही न कर पाती। सलील दा इशारा करते तब मैं गाना शुरू करती। हमने कैसे ये गाना रिकॉर्ड किया था, हम ही जानते हैं।’