शबाना आजमी ने अपने वीडियो में कहा- ‘मैं इस वक्त हिंदुस्तान में नहीं हूं इसलिए मुझे बहुत अफसोस है, कि जो विरोध और प्रदर्शन हो रहे हैं, CAA और NRC को लेकर मैं उनमें वहां मौजूदा होकर शामिल नहीं हो पा रही हूं लेकिन मैं पूरी तरह से आप लोगों के साथ हूं और मैं यह इल्तिजा करती हूं कि आप ज्यादा से ज्यादा तादाद में इस मुहिम को आगे बढ़ाएं, लेकिन बिना किसी हिंसा के। यह बहुत जरूरी है। मैं अपनी बात खत्म करती हूं कैफी आजमी के एक शेर से- आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है, आज की रात न फुटपाथ पे नींद आएगी,सब उठो, मैं भी उठूं, तुम भी उठो, तुम भी उठो,कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जाएगी।’
इस वीडियो के अलावा शबाना ने एक और वीडियो ट्वीट पर साझा किया है जिसमें वे CAA और NRC के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के पक्ष में बोलते हुए सबसे पहले जावेद अख्तर (javed akhtar) का एक शेर पढ़ा।शबाना ने वीडियो में कहा- जो मुझको जिंदा जला रहे हैं वो बेखबर हैं कि मेरी जंजीर धीरे धीरे पिघल रही है। मैं कत्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन मेरी लहु से तुम्हारी दीवार गल रही है।मैं उम्मीद करती हूं कि हमारी आवाज को दबाने के बजाए सरकार हमारी आवाज को सुनेगी। आज जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं मैं पूरी तरह से उनके साथ हूं। मुझे अफसोस है कि मैं खुद वहां मौजूद नहीं हो सकती क्योंकि मैं अभी भारत से बाहर हूं। लेकिन मैं अपील करती हूं कि किसी तरह की हिंसा न हो।