केरल के उस दौर के हवाले से मलयालम फिल्मकार सुगीश ने ‘शकीला’ नाम की शॉर्ट फिल्म बनाई है, जिसे हाल ही यूट्यूब पर जारी किया गया। इसमें शकीला नाम की युवती (सरयू मोहन) के दर्द को अभिव्यक्ति दी गई है। उसके नाम को लेकर भद्दे मजाक किए जाते हैं। नाम की वजह से 24 बार उसके रिश्ते की बात टूट चुकी है। परिजन चाहते हैं कि वह अपना नाम बदल ले, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं होती। फिल्म समाज में किसी नाम को लेकर बनने वाली बेबुनियाद धारणाओं पर कड़े प्रहार करने के साथ इस तथ्य को गहराई से रेखांकित करती है कि जो बातें बहुसंख्यक लोगों को मजाक लगती हों, उनसे कुछ की जिंदगी में उथल-पुथल मच सकती है। सिर्फ 18 मिनट की यह फिल्म अपनी बात बड़ी सहजता से कह जाती है, जो कई फिल्में ढाई-तीन घंटे खर्च करने के बाद भी नहीं कह पातीं।
एक दूसरे फिल्मकार मलयालम अभिनेत्री शकीला पर इसी नाम से बायोपिक भी बना रहे हैं, जिसमें रिचा चड्ढा यह किरदार अदा कर रही हैं। शॉर्ट फिल्म के मुकाबले इस बायोपिक के इरादे कुछ और लगते हैं। यानी यहां मामला ‘कुछ लोगों की कोशिश है, कुछ लोग बहल जाएं’ वाला है।