रणदीप ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने कई साल बिना काम के गुजारे थे। उन्होंने बताया कि उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि उन्होंने अपनी जिंदगी चलाने के लिए अपनी कार तक बेच दी थी। हालात इतने खराब हो गए कि उन्होंने धीरे-धीरे घर का सारा सामान बेच दिया था। जिंदगी में इतने रिजेक्शन के बाद एक्टर जिंदगी से हार मान चुके थे। साल 2016 में फिल्म बैटल ऑफ सारागढ़ी की अनाउंसमेंट के बाद उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक ये फिल्म बन कर तैयार नहीं होगी वो अपने बाल नहीं काटेंगे।
फिल्म केसरी उस वक्त उसी मुद्दे पर बनी थी जिस मुद्दे पर बैटल ऑफ सारागढ़ी बनी थी। केसरी पर्दे पर फ्लॉप साबित हुई और इसी वजह से बैटल ऑफ सारागढ़ी को रिलीज नहीं किया गया। एक्टर को ऐसा लगने लगा था कि उन्होंने अपने जिंदगी के तीन साल बर्बाद कर दिए। उन्होंने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया था ताकि कोई उनके बाल नहीं काट पाए। उन्होंने अपने बाल फिल्म को न्याय मिलने के बाद ही काटे थे।