
साल 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई हुई थी उसके बाद मनोज और शास्त्री जी का मिलना हुआ था। तब शास्त्री जी ने मनोज कुमार से कहा था कि मैंने जो नारा दिया है ‘जय जवान जय किसान’, अगर इसे ध्यान में रख कर तुम कोई फिल्म बना सको। इसके बाद मनोज कुमार ने फिल्म ‘उपकार’ का ऐलान किया। बता दें कि ‘उपकार’ की कहानी भी मनोज कुमार ने ही लिखी थी। फिल्म के ऐलान के बाद राज कपूर ने मनोज कुमार से कहा था कि, ‘या तो फिल्म में एक्टिंग कर लो या फिर इसे डायरेक्ट कर लो, क्योंकि हर कोई राज कपूर नहीं होता जो दोनों काम सक्सेसफुली कर ले’। फिल्म उपकार बनकर रिलीज हुई और फिल्म ने दमदार प्रदर्शन किया। फिल्म के निर्देशक भी वे ही थे और इसमें उन्होंने अभिनेता के रूप में भी काम किया था। आगे जाकर मनोज कुमार ने ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘शोर’ जैसी फिल्में बनाई और राज कपूर को भी इस बात का एहसास करा दिया कि उन्होंने उनसे क्या कहा था। राज कपूर यह समझते थे कि एक साथ अभिनय और निर्देशन का सफ़ल काम वे ही कर सकते थे उन्हें मनोज कुमार ने गलत साबित कर दिखाया। मनोज के काम का लोहा मानते हुए राज साहब ने कहा था कि, ”आज तक मैं अपने आप से ही कॉम्पटीशन कर रहा था लेकिन आज मुझे मुकाबला करने के लिए कोई और भी मिल गया है”।