मुकेश खन्ना ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया है और उन्होंने इस पूरे विवाद पर फिल्म के कलाकारों से लेकर मेकर्स तक पर निशाना साधा है। अभिनेता ने कहा कि ‘सैफ अली खान ने जब रावण का रोल करते हुए कहा था कि मैं इसे ह्यूमर का रूप देना चाहता हूं तभी मैंने इस पर अपनी प्रतक्रिया दी थी।
मुकेश खन्ना ने आगे कहा कि ‘बात जब रामायण की करते हैं तो इसका मतलब है कि रामायण का फायदा उठाना चाहते हैं। आप कौन होते हैं हमारे धर्म का मजाक उड़ाने वाले। अपने धर्म पर कुछ कहकर दिखाइए। है आपकी हिम्मत?’
आप धर्म का मजाक उड़ाते हुए दिख रहे हैं। ना राम, राम की तरह दिख रहे हैं। ना हनुमान, हनुमान की तरह दिख रहे हैं। ना रावण, रावण लग रहा है। फिर आप इसे अभिव्यक्ति की आजादी कहेंगे। आप इसे अपने धर्म पर करके दिखाइए।’
मुकेश खन्ना ने कहा ‘हिंदू धर्म के साथ खिलवाड़ करोगे, देवी-देवताओं के लुक बदलोगे तो फिल्म नहीं चलेगी। मुकेश खन्ना ने कहा, ‘सभी चैनलों पर एक ही बात चल रही है कि यह (रावण बने सैफ अली खान) मोहम्मद खिलजी लगता है, रावण नहीं।’
मुकेश खन्ना ने आगे कहा कि ‘बात जब रामायण की करते हैं तो इसका मतलब है कि रामायण का फायदा उठाना चाहते हैं। आप कौन होते हैं हमारे धर्म का मजाक उड़ाने वाले। अपने धर्म पर कुछ कहकर दिखाइए। है आपकी हिम्मत?’
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मुकेश खन्ना फिल्मों के बायकॉट से इसे जोड़ते हुए कहते हैं, ‘ऐसे वक्त में जब फिल्मों का जगह-जगह बायकॉट हो रहा है आप फिर से ऊंगली दे रहे हैं तो लोग हाथ तो पकड़ ही लेंगे।’आप धर्म का मजाक उड़ाते हुए दिख रहे हैं। ना राम, राम की तरह दिख रहे हैं। ना हनुमान, हनुमान की तरह दिख रहे हैं। ना रावण, रावण लग रहा है। फिर आप इसे अभिव्यक्ति की आजादी कहेंगे। आप इसे अपने धर्म पर करके दिखाइए।’
मुकेश खन्ना ने कहा ‘हिंदू धर्म के साथ खिलवाड़ करोगे, देवी-देवताओं के लुक बदलोगे तो फिल्म नहीं चलेगी। मुकेश खन्ना ने कहा, ‘सभी चैनलों पर एक ही बात चल रही है कि यह (रावण बने सैफ अली खान) मोहम्मद खिलजी लगता है, रावण नहीं।’
मुकेश खन्ना ने कहा’ सही बात है यह हमारा रावण नहीं लगता है। मुगल कैरेक्टर को मुगल लुक दे दिया गया। कहां राम, कहां रामायण और कहां ये मुगल लुक? मजाक कर रहे हैं क्या आप? नहीं चलेगी ये फिल्म। अगर आपको लगता है सिर्फ स्पेशल इफेक्ट्स से फिल्म हिट हो जाएगी तो गलत है। 100 या एक हजार करोड़ खर्च कर के रामायण नहीं बन सकती। रामायण उसके मूल्यों, आस्था, लुक और डायलॉग पर बनती है।’
मुकेश खन्ना ने आगे कहा, ‘अगर आप ‘अवतार’ फिल्म का लुक देकर ‘रामायण’ को चेंज करना चाहोगे तो फिर ये मत बोलिए कि हम रामायण बना रहे हैं। आप बोलिए कि हम कुछ बना रहे हैं। कुछ आदिपुरुष जो पाषाण युग का था। जहां चमगादड़ उड़ रहे हैं। बर्ड्स के ऊपर बैठकर उड़कर आते हैं। दस सिर वाला रावण, कहां से दिखाया आपने? पता तो चल ही जाता है। उसके आप दस सिर दिखा देंगे, उसको अलाउद्दीन खिलजी का लुक दे देंगे, तो लोग हंसेंगे ही ना आप पर। ये अच्छे संकेत नहीं है। इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।’
मुकेश खन्ना ने सभी कैरेक्टर्स के लुक को कटघरे में डाल दिया. उन्होंने कहा कि हर एक भगवान का एक लुक है जो लोगों के जहन में कैद है. अगर आपने वही चेंज कर, तो आपने भले ही 400-500 या 900-1000 करोड़ फिल्म पर लगाए हों…आपकी फिल्म नहीं चलेगी, क्योंकि आप उनकी आस्था का फायदा उठा रहे हो। अगर आप ऐसे लुक से चैलेंज करते हो कि ये हमारा राम, रावण या हनुमान है तो लोग अपनी उस आस्था को वापस ले लेंगे फिर लोग आपको ऐसा थप्पड़ मारेंगे कि पता भी नहीं चलेगा। जैसे आजकल मारे जा रहे हैं, बिना फिल्म को देख बायकॉट किया जा रहा है, लेकिन फिर वही बात उठती है, सिर्फ हमारे धर्म पर ही क्यों?
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